Mexican Drug Lord El Chapo : जब-जब दुनिया के सबसे कुख़्यात ड्रग माफ़िया की बात होगी तो जोआक्विन ‘एल चापो’ गुजमैन (Joaquin Guzman) का नाम सबसे ऊपर होगा. एक ऐसा ख़तरनाक ड्रग माफ़िया, जिसके गैंग ने सुरंग बनाने में महारत हासिल कर ली थी (El Chapo Tunnel Scape). जो हर महीने करोड़ों डॉलर का ड्रग सप्लाई करता था. प्रतिष्ठित फ़ोर्ब्स मैगज़ीन ने भी उसका नाम दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में शामिल किया था. वो एक ऐसा ड्रग का कारोबारी, जो सबसे सुरक्षित जेल से भी वो फ़रार हो गया था. और जिसके काले धंधे की वजह से हज़ारों मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. (True Story Of El Chapo)

Mexican Drug Lord El Chapo

आइए जानते हैं कि आख़िर कौन है ‘एल चापो’, जिसे सबसे कुख़्यात ड्रग माफ़िया माना जाता है-

कौन है एल चापो?

4 अप्रैल 1957 को उत्‍तरी-पश्चिमी मेक्सिको के सिनालोआ प्रांत के एक बेहद ग़रीब परिवार में जोआक्विन नाम के बच्चे का जन्म हुआ. यही बच्चा आगे चलकर ड्रग लॉर्ड ‘एल चापो’ नाम से कुख़्यात हुआ. कहते हैं कि इसकी कुल संपत्ति एक वक्त पर 1 अरब डॉलर से अधिक थी. साल 2009 में प्रतिष्ठित फोर्ब्स मैग्ज़ीन ने उसका नाम दुनिया के सबसे अमीर लोगों में 701वें स्थान पर शामिल किया था.

कैसे बना ड्रग का सबसे बड़ा कारोबारी

दिसंबर 1914 में अमेरिकी संसद ने ‘हैरिसन नारकोटिक्स एक्ट’ को मंजूरी दी. जिसके तहत, अफीम और कोकीन बनाने, आयात करने, बेचने, जमा करने, किसी को बांटने जैसे कामों को रेगुलेट किया गया. इस पर स्पेशल टैक्स भी लगाया गया. जब इससे भी काम नहीं बना तो 1924 में सरकार ने हेरोइन को पूरी तरह बैन कर दिया.

जब अमेरिका में किल्लत हुई तो पड़ोसी मेक्सिको को एक मौका दिखा. यहां लोगों ने ड्रग्स बनाकर अमेरिका में बेचना शुरू कर दिया. जब मुनाफ़ा बढ़ा तो इस काले धंधे को करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ने लगी. 1980 के दशक में अमेरिका में क्रैक कोकीन की मांग अचानक से बढ़ने लगी थी. ये बाकी ड्रग्स की तुलना में सस्ता होता था. इस धंधे में मेडलिन कार्टेल का नाम सामने आया. उसका सरगना था, पाब्लो एस्कोबार. दिसंबर 1993 में एस्कोबार मारा गया. उसके बाद मेडलिन कार्टेल बिखर गया. कोलोंबिया के ड्रग्स गिरोह पीछे छूटने लगे. इस खाली जगह को मेक्सिकन ड्रग कार्टेल ने भरना शुरू किया. इस खेल का सबसे बड़ा खिलाड़ी एल चापो था.

बाद में एल चापो ने सिनालोआ कार्टेल बनाया. सिनालोआ कार्टेल को दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्कर गिरोह में से एक माना जाता है. इसका नेटवर्क अमेरिका से लेकर यूरोप तक फैला हुआ है. एल चापो जितना चालाक था, उतना ही क्रूर भी. किसी भी किस्म की नाफ़रमानी उसे बर्दाश्त नहीं थी. वो किसी को नहीं बख्शता था.

Guzmán is seen arriving in New York in January 2017 after his extradition from Mexico

सुरंग के ज़रिए तस्करी भी की और जेल से फ़रार भी हुआ

एल चापो ने ड्रग्स की तस्करी में एक नया तरीका ईजाद किया. उसने बॉर्डर के नीचे से सुरंग खोदकर ड्रग्स की सप्लाई शुरू की. मैक्सिको और अमेरिका के बीच सुरंग बनाकर उसे बहुत माल कमाया. एल चापो ने अमेरिका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में अपना नेटवर्क तैयार किया था. उसने सिनालोआ कार्टेल के बिज़नेस को कई गुणा बढ़ा दिया. कहा जाता है कि वो एक साल में 25 हज़ार करोड़ रुपये तक का कारोबार कर लेता था.

एल चापो के पास इतना पैसा था कि उसे जेल की दीवारे भी क़ैद नहीं रख पाई. उसे एक बार 1993 में भी गिरफ़्तार किया गया था. लेकिन वो जेल के अधिकारियों को घूस देकर फ़रार हो गया था. फ़रवरी 2014 में उसे दूसरी बार गिरफ़्तार किया गया. इस बार उसको मेक्सिको की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक आल्टीपानो में रखा गया. मगर यहां भी वो बहुत दिनों तक नहीं रहा. जुलाई 2015 में वो बैरक के नीचे से सुरंग बनाकर फ़़रार हो चुका था.

सबसे दिलचस्प बात ये थी कि जिस बैरक में वो बंद था, उसमें सीसीटीवी कैमरा लगे थे. उसके पैर में भी जीपीएस बंधा था. लेकिन एल चापो के वफ़ादार साथियों ने 1.5 किमी लंबी सुरंग खोद कर उसके बैरक में निकाल दी. शावर एरिया में कैमरा नहीं था. सुरंंग वहीं पर जाकर खुली. एल चापो के बैरक की लोकेशन जानने के लिए सुरंंग बनाने वाले इंजीनियर्स ने उसे चुपके से एक जीपीएस वाली घड़ी दे दी थी. जिसकी मदद से सुरंग सीधे शावर वाले एरिया में निकली.

सुरंग में ऑक्सीज़न के लिए PVC पाइप लगाए गए थे. सुरंग में लाइट का भी इंतज़ाम किया गया था. यहां तक कि एल चापो के सुरंंग से तेज़ी से बाहर निकलने के लिए बाइक का भी इंतज़ाम था.

इसके बाद मेक्सिको के इतिहास का सबसे बड़ा मैनहंट शुरू किया गया. फिर छह महीने बाद ख़बर आई कि मेक्सिकन मरीन्स के एक ऑपरेशन में एल चापो पकड़ा गया. उस वक़्त भी वो छापेमारी के दौरान कमरे की सुरंग से भाग निकला था. दरअसल, एल चापो जहां भी रहता था, उसके आसपास सुरंग का जाल हमेशा रहता था. हालांकि, कार में भागते हुए उसे दबोच लिया गया. पकड़े जाने के बाद भी उसकी अकड़ कम नहीं हुई थी. उसने मरीन्स को धमकी दी, ‘तुममें से कोई भी ज़िंदा नहीं बचेगा.’

ज़ाहिर है कि मैक्सिको में एल चापो को रोक पाना मुमकिन नहीं था. ऐसे में 2017 में उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित कर दिया गया. न्यू यॉर्क की अदालत में उसके ऊपर मुकदमा शुरू हुआ. जुलाई 2019 में अदालत ने एल चापो को आजीवन क़ैद के अलावा तीस साल की सज़ा सुनाई. फ़िलहाल वो अमेरिका की ही जेल में बंद है. हालांकि, वो कब तक जेल में चुपचाप रहेगा, ये कहा नहीं जा सकता. (Where is El Chapo now?)

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