Most Dangerous Indian Serial Killers: सीरियल किलर, ये वो कुख़्यात हत्यारे होते हैं, जिनके दिमाग़ को समझना मुश्किल है. क्योंकि, अक्सर ये बिना किसी मक़सद के ही लोगों को मौत के घाट उतार देते हैं. ज़्यादातर मामलों में यही निकल कर सामने आता है कि हत्यारे को हत्या करना पसंद था. भारत में भी ऐसे कई कुख़्यात सीरियल किलर हुए हैं. ‘सायनाइड मोहन’ (Cyanide Mohan) भी इनमें से एक है, जिस पर सोनाक्षी सिन्हा और विजय वर्मा स्टारर ‘दहाड़’ (Dahaad) सीरीज़ बेस्ड है. Amazon Prime पर ये सीरीज़ रिलीज़ हुई है. (Sonakshi Sinha And Vijay Varma Dahaad Web Series)

ऐसे में हम आपको भारत के कुछ कुख़्यात सीरियल किलर के बारे में बताएंगे, जिनके कारमानों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. (Movies On Serial Killers)

Most Dangerous Indian Serial Killers

1. मोहन कुमार उर्फ़ सायनाइड मोहन

महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के बाद वो उन्हें गर्भनिरोधक लेने के लिए बरगलाता था, जो असल में साइनाइड की गोलियां थीं. 2005 से 2009 के बीच उसने क़रीब 20 महिलाओं की हत्या की थी. कहा जाता है कि वह कथित रूप से बैंक धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय जालसाज़ी में भी शामिल था. दिसंबर 2013 में उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी.

2. देवेंद्र शर्मा

देवेंद्र शर्मा आयुर्वेदिक दवाओं का डॉक्टर था, जिसे पैसे कमाने की हवस थी. उसने 2002 और 2004 के बीच यूपी, गुड़गांव और राजस्थान के आसपास के इलाकों से कारें चुराना और ड्राइवरों को मारना शुरू कर दिया. उसने लगभग 30-40 ड्राइवरों को मारने की बात स्वीकार की. 2008 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी.

3. निठारी कांड

मोहिंदर सिंह पंधेर नोएडा का एक धनी व्यवसायी था, जिसे 2005 और 2006 के बीच निठारी गांव में 16 लापता बच्चों की खोपड़ी मिलने के बाद घरेलू सहायक सुरिंदर कोली के साथ गिरफ़्तार किया गया था. इन दोनों पर बलात्कार, नरभक्षण पीडोफिलिया और अंग तस्करी का आरोप लगा था. इनमें से कुछ आरोप सच थे जबकि अन्य महज़ अफ़वाह थे. कोली और पंढेर दोनों को 2017 में मौत की सज़ा सुनाई गई थी.

4. चार्ल्स शोभराज उर्फ़ बिकनी किलर

चार्ल्स शोभराज ने 1975 से 1976 के बीच दक्षिण पूर्व एशिया के विभिन्न हिस्सों में लगभग 12 लोगों की हत्या की थी. फ़्लोरल बिकनी पहने महिलाओं के दो शव मिलने के बाद उसे ‘बिकनी किलर’ का नाम दिया गया था. उसे भारत में गिरफ़्तार किया गया था, जहां वो 1976 से 1997 तक जेल में रहा. बाद में 2004 में उसे नेपाल में गिरफ़्तार किया गया और अब वो आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

5. केडी केम्पम्मा उर्फ़ साइनाइड मल्लिका

बैंगलोर की रहने वाली के डी केम्पम्मा पर 1999 और 2007 के बीच 6 महिलाओं की हत्या करने का आरोप लगाया गया था. वो साइनाइड खिलाकर महिलाओं को मार देती थी और फिर उनका सामान लूट लेती थी. उसे 2007 में गिरफ़्तार किया गया था और फिर आजीवन कारावास दिया गया है.

6. रेणुका शिंदे और सीमा गावित

ये दोनों हत्यारी बहनें थीं, जिन्होंने बचपन से ही उनकी मां ने चोरी करना सिखाया था. जल्द ही, उन्होंने छोटे बच्चों का अपहरण करना शुरू कर दिया. कोई बच्चा परेशानी पैदा करता तो वो उसे मार देतीं. कोर्ट में उन पर 13 अपहरण और 9 हत्याओं का आरोप लगा. दोनों को फ़ांसी की सज़ा मिली थी.

7. ठग बेहराम

ठग बेहराम एक कुख़्यात ठगी पंथ का नेता था, जो पूरे मध्य भारत में घूमता था. ये ठग, यात्रा करने वाले समूहों को पकड़ने के लिए जाने जाते थे. फिर, वे निर्दोष पीड़ितों का सामान लूटने से पहले उनका रूमाल से गला घोट कर हत्या कर देते थे. ऐसा माना जाता है कि बेहराम ने 931 से अधिक लोगों की हत्या की थी, लेकिन उसने केवल 125 लोगों की हत्या करना कबूल किया. 840 में उसे फ़ांसी दी गई.

8. रमन राघव

रमन राघव, जिसे ‘साइको रमन’ भी कहा जाता है, 1960 के दशक में मुंबई की झुग्गियों में रहने वालों के बीच ख़ौफ़ बन गया था. वो मारने के लिए लाठी का इस्तेमाल करता था. जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो उसे सिज़ोफ्रेनिया का पता चला. उसने 23 लोगों की हत्या करने की बात कबूल की. हालांकि, वो मानसिक रूप से स्थिर नहीं था. 1995 में किडनी फेल होने से उसकी मौत हो गई थी.

9. एम. जयशंकर

एम. जयशंकर पर 2008 और 2011 के दौरान बलात्कार और हत्याओं का आरोप लगाया गया था. ऐसा माना जाता है कि वो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 30 बलात्कार, 15 हत्या और डकैती के मामलों में शामिल था. बाद में उसे गिरफ़्तार कर लिया गया. बाद में उसके मानसिक रूप से बीमार होने का पता चला. जेल से भागने की कई असफल कोशिशों के बाद उसने 2018 में आत्महत्या कर ली थी.

10. दरबारा सिंह उर्फ़ बेबी किलर

दरबारा सिंह पर अप्रैल से सितंबर 2004 के बीच 15 लड़कियों और दो लड़कों की हत्या करने का आरोप लगा था. वो लोगों का गला काटकर हत्या कर देता था. उसे मौत की सज़ा सुनाई गई थी लेकिन बाद में पर्याप्त सबूतों के अभाव में उच्च न्यायालय ने इस सज़ा को रद्द कर दिया. कई सालों तक सज़ा काटने के बाद 2018 में उसकी कारावास में ही मौत हो गई थी.

11. अक्कू यादव

अक्कू यादव एक लोकल गुंडा था, जो एक दशक से अधिक समय से अपने क्षेत्र में महिलाओं का बलात्कार और हत्या करता था. आरोप था कि पुलिस रिश्वत लेकर उसे छोड़ देती है. बाद में नागपुर जिला न्यायालय के ठीक बाहर 200 से अधिक महिलाओं की भीड़ ने उसे पीट-पीट कर मार डाला. उसे कई बार चाकू मारा गया और उस पर लाल मिर्च पाउडर और पत्थर फेंके गए. उनमें से एक महिला ने उसका लिंग भी काट दिया था.