CBSE ने कुछ दिनों पहले 10वीं और 12वीं के बोर्ड की परीक्षाएं जुलाई में करवाने का ऐलान किया था. इनमें उन्हीं विषयों की परीक्षा होनी थी जो कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण रद्द हो गई थीं. मगर अब CBSE के इस फ़ैसले के ख़िलाफ छात्रों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उन्होंने इसके ख़िलाफ दायर की गई याचिका में बोर्ड की परीक्षाओं को जुलाई में न कराने की अपील की है.

अभिवावकों द्वारा दायर की गई इस याचिका में उन्होंने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि जुलाई में कोरोना वायरस का संक्रमण अपने चरम पर होगा. ऐसे में छात्र इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बोर्ड को परीक्षा को रद्द कर इंटरनल असेसमेंट के आधार पर बच्चों का रिज़ल्ट घोषित किया जाए. 

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वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में स्कूलों को खोले जाने की तैयारियां चल रही हैं. इन्हें देखते हुए पैरेंट्स और टीचर्स परेशान हैं. दिल्ली के Government School Teachers Association के शिक्षकों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस शैक्षणिक सत्र को ज़ीरो यानी शून्य घोषित करने की मांग की है.

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उनका कहना है कि दिल्ली में अभी 100 से अधिक टीचर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से 4 की मौत हो चुकी है. इसे देखते हुए स्कूलों को ना ही खोला जाए तो बेहतर होगा. 

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वहीं अभिभावकों का कहना है कि स्कूल के खुलने से बच्चों को कोरोना होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं. क्योंकि अधिकतर स्कूलों को क्वारन्टीन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने भी सरकार से इस शैक्षणिक वर्ष(2019-20) को शून्य घोषित करने की मांग की है.

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