कोरोना वायरस की दूसरी लहर से मानव जीवन एक बार फिर से बिखर गया है. जहां देखो लोग ऑक्सीजन और इंजेक्शन की मांग कर रहे हैं. अच्छी बात ये है कि आपदा की घड़ी में कई लोगों की मानवता देखने को मिली. पटना के गौरव राय भी उन्हीं चंद लोगों में से एक हैं.  

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कोरोनाकाल में गौरव अब तक 950 से अधिक कोरोना मरीज़ों को नई ज़िंदगी दे चुके हैं. इनके इन्हीं कामों को देखते हुए लोगों ने उन्हें ‘ऑक्सीजन मैन’ नाम दे दिया है. दरअसल, पटना के अधिकतर अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की मारा-मारी है. अस्पतालों के बुरे हालातों की वजह से रोज़ाना कई मरीज़ दम तोड़ रहे हैं.  

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ये देखते हुए गौरव ने मरीज़ों को ऑक्सीजन पहुंचाने का निर्णय लिया. सबसे बड़ी बात ये है कि वो रोज़ सुबह 5 बजे से लोगों को ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. पिछले एक साल से वो ये काम नि:शुल्क कर रहे हैं.  

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कहां से आई गौरव में ये सेवा भावना? 

पिछले साल जुलाई में गौरव कोरोना पॉज़िटिव हो गये थे. कुछ समय में हालत नाज़ुक हो गई, जिसके बाद उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया. एक तरफ़ गौरव की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. दूसरी तरफ़ उन्हें हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा था. किसी तरह बेड का इंतज़ाम हुआ, तो ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला.

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लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद गौरव की पत्नि ऑक्सीजन सिलेंडर ढूंढ पाई. वहीं जब वो कोरोना की जंग जीत कर घर आये, तो उन्होंने ठान लिया कि अब वो किसी को भी इस तरह ऑक्सीजन के लिये तरसने नहीं देंगे.  

गौरव कहते हैं कि सरकार मेडिकल सिस्टम सुधारने में फ़ेल हो चुकी है. इसलिये हमें जितनी हो सके दूसरों की मदद करनी चाहिये.