Pitbull Dog Attack: यूपी की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहलादें वाली घटना सामने आई है. दरअसल, कैसरबाग इलाक़े में पिटबुल (Pitbull) ब्रीड के एक कुत्ते ने अपनी मालकिन को ही नोंच-नोंच कर मार डाला है. इस कुत्ते ने 80 साल की सेवानिवृत्त शिक्षिका सुशीला पर हमला कर उन्हें मार डाला. घटना के समय महिला घर में अकेली थीं और जब बाद में उसका बेटा घर पहुंचा तो मां को खून से लथपथ पाया. इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.

Pitbull Dog Attack

पीड़िता के पड़ोसियों के मुताबिक़, सुशीला का पालतू डॉग पिटबुल (Pitbull) 1 घंटे तक उन्हें नोंचता रहा. वो इस कदर आमादा था कि उसने सुशीला का पेट तक फाड़ दिया. यहां तक की पेट से मांस भी निकाल लिया था. इस दिल दहला देने वाली घटना के बारे में जिसे भी पता चल रहा वो स्तब्ध रह गया. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आख़िर पिटबुल (Pitbull) इतने खूंखार क्यों बन जाते हैं कि वो किसी की जान लेकर ही उसे छोड़ते हैं. 

news18

कैसे बना पिटबुल ब्रीड का ये डॉग 

पिटबुल (Pitbull) एक इंग्लिश ओरिजिन का कुत्ता है. कुत्तों की इस प्रजाति को 19वीं सदी के अंत के दशकों में तैयार किया गया था. पिटबुल को ‘बुल एंड टेरियर डॉग’ के साथ ‘अमेरिकन बुली डॉग’ की क्रॉस मेटिंग से तैयार किया गया था. इंग्लैंड समेत अन्य देशों में ये ‘अमेरिकन पिटबुल टेरियर’ के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा ‘पिटबुल’ के ‘स्टैफ़ोर्डशायर फ़ाइटिंग डॉग’, ‘बुल बेटर डॉग’, ‘यांकी टेरियर’ और ‘रिबेल टेरियर’ नाम भी हैं.

fansshare

ये भी पढ़िए: महाराष्ट्र के इस मंदिर में भक्तों को आशीर्वाद देता है एक कुत्ता, वीडियो हो रहा है ख़ूब वायरल

क्यों ख़ास है पिटबुल? 

पिटबुल (Pitbull) अपनी मांसपेशियों की असाधारण शक्ति, मजबूत जबड़ों और अपनी चपलता के लिए कुख्यात है. पिटबुल के साहसी और कभी हार न मानने वाले स्वभाव की वजह से ही इसे एक बेहतरीन ‘लड़ाकू डॉग’ भी कहा जाता है. इसीलिए ये कुत्तों की लड़ाई वाले खेलों के लिए सबसे पसंदीदा कुत्ता माना जाता है. कुछ देशों में इसका इस्तेमाल सिर्फ़ इन्हीं कामों में किया जाता है. इन्हीं वजहों से पिटबुल को पालने के लिहाज से बेहद खतरनाक कुत्ता माना जाता है. हालांकि, दुनिया के कई देशों में पिटबुल कुत्तों को पालना, उनका व्यवसाय करना और उनकी मेटिंग (प्रजनन) कराना पूरी तरह से बैन है.

hindikhabar

जानिए किन देशों में बैन है पिटबुल

इंग्लैंड वो देश है जिसने पिटबुल (Pitbull) को क्रॉस मेटिंग से तैयार किया था, लेकिन अब इंग्लैंड में ही ‘पिटबुल’ पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके अलावा दुनियाभर के क़रीब 40 देशों में पिटबुल पर या तो पूरी तरह बैन है या इस पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगे हैं. इनमें फ्रांस, डेनमार्क, पोलैंड, फिनलैंड, न्यूज़ीलैंड, बेल्जियम, नॉर्वे और कनाडा जैसे देश शामिल हैं.

Pitbull Dog Attack

ottindia

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, पिटबुल (Pitbull) द्वारा इंसानों को काटने या जान से मारने के सबसे अधिक मामले अमेरिका में देखने को मिलते हैं. अमेरिका में हर साल क़रीब 45 लाख कुत्तों के काटने के मामले आते हैं. इनमें से क़रीब 80 हज़ार से 1 लाख केस ऐसे होते हैं जिनमें इंसान बुरी तरह घायल हो जाता है और ऐसे केस में अधिकतर आंकड़े पिटबुल के काटने के होते हैं. अमेरिका में क़रीब 4.5 मिलियन पिटबुल हैं. जो देश की कुत्तों की आबादी का क़रीब 5.8% है. बावजूद इसके पिटबुल कुत्ते अन्य नस्लों की तुलना में इंसानों को ज़्यादा काटते हैं.

Pitbull Dog Attack

अमेरिकी पशु नियंत्रण एजेंसियों और स्वास्थ्य विभागों की रिपोर्ट के मुताबिक़, फ़रवरी 2013 से लेकर जुलाई 2022 तक अमेरिका के 19 राज्यों में पिटबुल (Pitbull) के काटने की घटनाएं सभी नस्लों के कुत्तों के काटने की घटनाओं से अधिक हैं. साल 2009 से 2018 तक इन 10 वर्षों में अमेरिका और कनाडा में पिटबुल कुत्तों ने 3,569 लोगों को काटकर मार डाला या अपंग कर दिया था.

Pitbull Dog Attack

jagran

बावजूद इसके अमेरिका में ‘पिटबुल’ पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है, जबकि अमेरिका के पड़ोसी देश कनाडा के कई शहरों में पिटबुल बैन है. पोर्टो-रिको में साल 2018 तक ‘पिटबुल’ कुत्तों पर बैन था, लेकिन अब प्रतिबंध हटा दिया गया है. भारत में भी पिटबुल पर किसी भी तरह को कोई बैन नहीं है. भारत में भी पिटबुल (Pitbull) के काटने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इससे पहले फ़रवरी 2022 में भी हरियाणा के यमुनानगर में 2 पिटबुल कुत्तों ने अपने मालिक को नोंच-नोंच कर डाला था.