किसान आंदोलन की आवाज अब सिर्फ़ देश तक ही सीमित नहीं रही है. भारत के बाहर से भी इसके समर्थन में आम लोग और सेलेब्स आने लगे हैं. लेकिन इसके बावजूद अभी भी कई लोग इसे साजिश ही मान रहे हैं. 

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रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट के बाद से इसे एक प्रोपोगेंडा के तौर पर देखा जाने लगा है. यूनाइटेड हिंदू फ़्रंट ने रिहाना और ग्रेटा के पोस्टर को जला कर इसके खिलाफ़ आवाज़ भी उठाई है. वहीं दिल्ली पुलिस ने ये साफ़ कर दिया है कि वो ग्रेटा के ऊपर FIR दर्ज नहीं करेगी, बल्कि उन लोगों की खोज करेगी जिन्होंने टूलकिट को बनाया है. 

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आपको बता दें कि ग्रेटा ने एक ट्विट किया था जिसमें एक टूलकिट की जानकारी दी गई थी, हांलाकि उसे पुराना बता कर ग्रेटा ने उसे डिलीट कर दिया था. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मीडिया और सोशल मीडिया इस 26 जनवरी को हुए प्रदरर्शन से जोड़ कर देख रही है और इसे बनाने वालों को पकड़ कर कारवाही करने की बात कर रही है. दरअसल, ग्रेटा ने किसानों को समर्थन में एक टूलकिट पोस्ट किया था, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. 

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रिहाना ने भी अपने ट्विट से किसानों के समर्थन में आवाज उठाई. साथ ही अमेरिकी सांसद जिम कोस्टा ने भी किसानों के समर्थन में कहा कि ‘होने वाली घटनाएं बहुत परेशान कर रही हैं. मैं लगातार इस पर निगरानी रख रहा हूं. शांतिपूर्ण विरोध का हमेशा समर्थन करना चाहिए.’ 

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किसान और सरकार काफ़ी वक़्त से आमने-सामने खड़े हैं, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं. बस अब देखना ये होगा कि ये संघर्ष आगे जाकर कौन सा रूप लेता है.