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कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक कुछ नोटों की श्रंखला पर टैगोर और कलाम की वॉटरमार्क (Watermark) फ़ोटो का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है. माना जा रहा है कि देश की ये दोनों महान शख़्सियतें भी अब महात्मा गांधी के साथ इंडियन करेंसी नोट्स पर नज़र आएंगी.
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ऐसा क्यों कर रही है सरकार?
बता दें, करेंसी नोटों पर कई अंकों के वॉटरमार्क को शामिल करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. अमेरिका में भी ऐसा चलन है. अमेरिका में अलग-अलग मूल्यवर्ग के डॉलर्स में जॉर्ज वाशिंगटन, बेंजामिन फ्रैंकलिन, थॉमस जेफरसन, एंड्रयू जैक्सन, अलेक्जेंडर हैमिल्टन और अब्राहम लिंकन सहित 19वीं सदी के कुछ राष्ट्रपतियों की तस्वीरें हैं.
आईआईटी प्रोफ़ेसर को भेजे गए नमूने
वित्त मंत्रालय और आरबीआई के तहत आने वाले सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरोपरेशन ऑफ इंडिया की ओर से आईआईटी-दिल्ली एमेरिटस प्रोफेसर दिलीप टी. शाहनी को गांधी, टैगोर और कलाम वॉटरमार्क के नमूनों के दो अलग-अलग सेट भेजे हैं. शाहनी को दो सेटों में से किसी एक को चुनकर सरकार के सामने पेश करने को कहा गया है. इस पर अंतिम फ़ैसला सरकार उच्चतम स्तर की बैठक में लेगी.
बता दें, वॉटरमार्क की जांच कर रहे प्रोफेसर शाहनी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंस्ट्रुमेंटेशन में माहिर हैं. उन्हें इस साल जनवरी में मोदी सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2017 में बैंकनोटों की एक नई श्रृंखला के लिए नई सुरक्षा सुविधाओं की सिफारिश करने के लिए आंतरिक समिति गठित हुई थी. उसने साल 2020 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें कहा गया था कि गांधी के अलावा टैगोर और कलाम के वॉटरमार्क अंक भी विकसित किए जाने चाहिए. साल 2021 में RBI ने अपने मैसूर स्थित भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड और होशंगाबाद में SPMCIL की सिक्योरिटी पेपर मिल को वॉटरमार्क नमूनों के अपने सेट तैयार करने के निर्देश जारी किए थे.
इसके बाद आरबीआई और SPMCIL ने उनके नमूने जांच के लिए शाहनी को भेजे. इन सैंपल्स पर अधिकारियों के साथ शाहनी की अब तक कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है.