विश्वास और आस्था के नाम पर अंधविश्वास हर जगह फैला हुआ है, जिस पर लोग पूरे दिल से विश्वास करते हैं. बाबा और पंडित ऐसे लोगों को अपनी बातों में फंसाकर कुछ भी मानने पर विवश कर देते हैं. ऐसी ही कुछ अजीब घटना छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले में देखने को मिली, जहां नि:संतान महिलाएं अपनी पीठ के बल पर लेटकर ध्वज और मडई लेकर जाते साधुओं के सामने संतान प्राप्ति के लिए कामना करती हैं.

छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले में गंगरेल बांध स्थित मां अंगारमोती के मंदिर में हर साल मडई मेले के मौक़े पर हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है. इसका आयोजन हर साल दिवाली के बाद आने वाले पहले शुक्रवार को किया जाता है. यहां पर साधु गंगरेल बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले 52 गांव के देवी-देवताओं को लेकर मेले में पहुंचते हैं.

इस बार ये मेला 20 नवंबर को आयोजित हुआ और 200 नि:संतान महिलाएं अपनी कामना लेकर पहुंची और साधुओं की टोली निकलते समय ज़मीन पर पीठ के बल लेट गईं और साधुओं की टोली महिलाओं के ऊपर से गुज़री. मान्यता है कि, महिलाओं के ऊपर से साधुओं के गुज़रने से माता का आशीर्वाद मिलता है और नि:संतान महिलाओं को संतान प्राप्ति होती है.

आदिशक्ति मां अंगारमोती ट्रस्ट के सचिव आर एन ध्रुव ने कहा,

मडई मेला पिछले 500 वर्षों से हो रहा है. हम अब परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. लोग अनुष्ठान में दृढ़ विश्वास के साथ शामिल होते हैं, जिसका गलत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. ये चमत्कार ही था, कि जिन नि:संतान महिलाओं ने पहले इस मेले में कामना मांगी थी आज उन महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो चुकी है.

आस्था के नाम पर पर हो रहे इस आडंबर को देखकर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं.

वैसे तो ये बहुत आश्चर्य की बात है, लेकिन ये कोई नई बात नहीं है. इन झूठी आस्थाओं के नाम पर हमेशा ही लोग बलि चढ़ते आए हैं.