The Story Of MeduLance: कोरोना के दौर ने हमें ज़िंदगी और अपनों की अहमियत करा दी क्योंकि कितने लोगों ने अपनों को सही समय पर मेडिकल सर्विसेज़ न मिलने की वजह से खो दिया. ऑक्सीज़न सिलेंडर हो या एंबुलेंस, हॉस्पिटल बेड हो या दवाईयां सभी चीज़ों की क़िल्लत हो गई थी. इस बीच ऐसे कई फ़रिश्ते थे, जिन्होंने हाथ बढ़ाया और लोगों की जान बचाई. ऐसे ही दो फ़रिश्ते हैं रवजोत अरोड़ा और प्रणव बजाज, जो मेंडुलेंस सर्विस के ज़रिए लाखों लोगों की जान बचा रहे हैं. इन्होंने 2 लाख कोरोना पेशेंट की भी जान बचाई थी.

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हाल ही में, दोनों फ़ाउंडर शार्क टैंक इंडिया 2 (Shark Tank India 2) में दिखे, जहां उन्होंने 2 करोड़ रुपये पर 1% इक्विटी की डिमांड की और उन्हें शार्क नमिता थापर, अमन गुप्ता और पीयूष बंसल ने 100 करोड़ रुपये के Valuation पर 2 करोड़ रुपये का फ़ंड दिया है.

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मेडुलेंस के फ़ाउंडर्स ने बताया कि,

पूरे भारत में 500 से अधिक शहरों में 7,500 से ज़्यादा एम्बुलेंस और स्मार्ट एंबुलेंस के साथ उन्होंने अब तक 8 लाख लोगों की जान बचाई है. इनकी एंबुलेंस सर्विस 20 मिनट में एंबुलेंस पहुंचा देती है. कंपनी ने पिछले साल 24 प्रतिशत लाभ मार्जिन के साथ 24 करोड़ रुपये का बिज़नेस किया था.

Shark Tank India 2 में फ़ंड मिलने के बाद को-फ़ाउंडर प्रणव बजाज ने कहा,

हम शार्क टैंक इंडिया सीज़न 2 पर फ़ंड हासिल करके बहुत ख़ुश हैं. भारत देश में सड़क दुर्घटनाओं और हेल्थ इमरजेंसी के चलते 30% लोगों ने सही समय पर एंबुलेंस या मेडिकल सर्विसे न मिलने की वजह से जान गंवाई है. हमारा उद्देश्य है कि हम उस टाइम को कम कर सकें और जल्दी से जल्दी लोगों तक एंबुलेंस पहुंचा सकें. हमें पता है कि हम कुछ बेहतर कर रहे हैं और शार्क्स से राशि पाकर हमें और ख़ुशी हुई है हम इस राशि को इनोवेशन को बढ़ावा देने और अपने पैन-इंडिया फ़ुटप्रिंट का विस्तार करने के लिए निवेश करेंगे.

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को-फ़ाउंडर रवजोत सिंह अरोड़ा ने कहा,

शो का अनुभव उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन मुझे ख़ुशी है कि शार्क्स ने हमारे बिज़नेस को समझा जो भारत के लोगों को बेहतर स्वास्थ सेवा देना चाहता है. पहले हमने 5 करोड़ रुपये की डिमांड करने की सोची थी, जो शार्क टैंक पर अब तक की सबसे बड़ी डिमांड है फिर 2 करोड़ रुपये की डिमांड की. अब हमारे पास अपने बिज़नेस को बढ़ाने का संसाधन है और देश भर के और शहरों में अपने परिचालनों को आगे बढ़ा सकते हैं. हम आने वाले सालों में और भी अधिक ज़िंदगी बचाने के लिए तत्पर हैं.

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इस सर्विस को शुरू करने की वजह को-फ़ाउंडर रवजोत अरोड़ा ने बताई कि,

साल 2012 उनके दादा जी तबियत काफ़ी बिगड़ गई थी और उस वक़्त उन्हें एंबुलेंस सही समय पर नहीं मिली थी, जिससे वो अपनी पर्सनल गाड़ी से दादी जी को हॉस्पिटल ले गए फिर भी उनके दादा दी बच नहीं पाए.

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बस इसी दर्द को मन में लिये उन्होंने साल 2016 में मेंडुलेंस (The Story Of MeduLance) नाम से स्टार्टअप शुरू किया और 20 मिनट में एंबुलेंस पहुंचाने वाली सर्विस के मालिक बन गए उन्होंने अपने इस नेक काम से करोड़ों रुपये प्रॉफ़िट कमाया है. साथ ही लाखों ज़िंदगियां भी बचाई हैं.

मेडुलेंस सर्विसेज़ कॉरपोरेट्स, कमर्शियल और रेज़िडेंशियल के आस-पास एंबुलेंस खड़ी रखती है, जिससे कम समय में जल्दी लोगों तक एंबुलेंस पहुंच जाए. एंबुलेंस में मेडिकल रूम सुविधा है, ताकि इमरजेंसी स्थिति में ट्रीटमेंट दिया जा सके. ये कंपनी Fortis, HCL, सीनीदर इलेक्ट्रिक जैसे बड़े कॉर्पोरेशंस के साथ काम करती है.

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एंबुलेंस और पैरामेडिकल सर्विसेज देने के अलावा, कस्टमर को कम दाम पर घर पर ही ICU जैसी सर्विसेज़ देती है. अब कंपनी ई-फ़ार्मेसी और लैब टेस्ट जैसी सुविधाएं भी देने लगी है. इसके अलावा, फ़िज़ियोथेरेपी, स्टोमा केयर, ट्रैकियोस्टॉमी केयर की सुविधा भी कंपनी दे रही है.

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आपको बता दें, मेडुलेंस एंबुलेंस लीज़ पर भी एंबुलेंस देती है. इसके अलावा, अपने सिस्टम के ज़रिए ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है कि पेशेंट के परिवारवाले डारेक्ट एंबुलेंस ड्राइवर से बात कर सकें. ख़ास बात ये है कि, सारे नियम-कायदों को ध्यान में रखते हुए कंपनी में प्राइवेट कंपनियां, हास्पिटल और अन्य सामाजिक संगठनों की एंबुलेंस भी रजिस्टर्ड हैं.