19 दिसंबर को लखनऊ से गिरफ़्तार किए गए लगभग 200 लोगों में सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस वर्कर सदफ़ जाफ़र भी थीं. सदफ़ एक प्रोटेस्ट साइट पर थीं और फ़ेसबुक लाइव कर रही थीं. साइट पर जली बस, बाइक देखी जा सकती है. इसी दौरान एक महिला पुलिसकर्मी आती हैं और सदफ़ को भी हिरासत में ले लिया जाता है. 

वीडियो देखकर और वीडियो के ऑडियो से ये ज़ाहिर होता है कि सदफ़ वहां प्रोटेस्ट ख़त्म होने के बाद पहुंची थीं. 


Scroll की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सदफ़ और 34 अन्य प्रदर्शकों पर आईपीसी की धारा 147 (दंगे भड़काने), 148 (ख़तरनाक हथियारों द्वारा दंगे भड़काने), 152 (एक पब्लिक सर्वेंट के साथ हाथापाई करने), 307 (हत्या की कोशिश), 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाने की कोशिश), 506 (अपराध करने की धमकी देने), 435 (आग ये विस्फ़ोटक सामान से चोट पहुंचाने की कोशिश करना), 120बी (आपराधिक साज़िश में शामिल होने) आदि लगाये गये हैं. 

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर पर एक वीडियो द्वारा सदफ़ जफ़र की गिरफ़्तारी संबंधी जानकारी दी- 

सदफ़ की बहन, नाहिद वर्मा ने पुलिस की बात को नकारते हुए कहा,

‘उसके पास न तो कोई हथियार था और न ही उसने सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाए. ‘  

मीरा नायर की ‘A Suitable Boy’ के कास्ट का हिस्सा हैं सदफ़ जाफ़र. मीरा ने ट्विटर पर सदफ़ की रिहाई की मांग की. 

एक अन्य वीडियो में सदफ़ पुलिस पर सवाल भी कर रही हैं कि वो हिंसा करने वालों पर एक्शन क्यों नहीं ले रहे 

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स ये दावा कर रहे हैं कि सदफ़ को पुलिस ने टॉर्चर भी किया है. पुलिस ने कहा है कि वो गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ कोर्ट में अपील कर सकती हैं.