कुछ दिनों पहले ख़बर आई थी कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने नीता अंबानी को विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर बनने का प्रस्ताव भेजा है. विश्वविद्यालय प्रशासन के जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए सभी ख़बरों को ग़लत बताया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी ख़बरों पर विराम लगाते हुए ये साफ़ कर दिया कि यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में नीता अंबानी की नियुक्ति नहीं हो रही.

ANI के एक ट्वीट के मुताबिक़, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि नीता अंबानी को बीएचयू से ऐसा कोई ऑफ़र नहीं मिला है. 

The Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी के छात्र इस निर्णय से नाख़ुश थे कि नीता अंबानी को ऐसा प्रस्ताव दिया गया था. 
छात्रों का मानना था कि यूनिवर्सिटी में ये एक ‘ग़लत उदाहरण’ पेश किया जा रहा है. बीते मंगलवार को 40 छात्रों का एक समूह वायस चांसलर (Vice Chancellor) राकेश भटनागर के यूनिवर्सिटी रेसिडेंस पर पहुंचा और एक मेमोरैंडम (Memorandum) सौंपा. 

ये भी पढ़िए- ‘छात्रों को पढ़ाई करनी चाहिए, आंदोलन नहीं’, ऐसी सोच वाले पढ़ें इन 9 छात्र आंदोलनों के बारे में 

Business Insider

सोशल साइंस फ़ैकल्टी (Social Science Faculty) के वुमन्स स्टडी सेन्टर (Women’s Study Centre) में 3 विज़िटिंग प्रोफ़ेसर्स (Visiting Professors) नियुक्त किए जाने हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि नीता अंबानी के अलावा दो अन्य महिलाओं, प्रीति अडानी (गौतम अडानी की पत्नी), उषा मित्तल (लक्ष्मी मित्तल की पत्नी) को भी विज़िटिंग प्रोफ़ेसर बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.  

The Times of India

सोशल साइंस फ़ैकल्टी के डीन (Dean) कौशल किशोर मिश्रा का कहना था कि नीता अंबानी के अनुभवों से यूनिवर्सिटी को लाभ हो इसलिए रिलायंस फ़ाउंडेशन को चिट्ठी भेजी गई थी. रिलायंस फ़ाउंडेशन ने महिला सशक्तिकरण के लिए काफ़ी काम-काज किया है.  

विरोध कर रहे छात्रों में शामिल शोधार्थी शुभम तिवारी का कहना है कि ये निर्णय एक साज़िश के तहत लिया गया है. शुभम का ये भी कहना है कि ऐसा करने विश्वविद्यालय ग़लत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. महिला सशक्तिकरण पर बात करने के लिए अरुणिमा सिन्हा, बछेंद्री पाल, मैरी कॉम या किरन बेदी को बुलाया जा सकता है, ऐसा शुभम का मानना है.  
रिसर्च स्कॉलर शुभम तिवारी का ये भी कहना है कि वीसी को नीता अंबानी को प्रस्ताव भेजे जाने की कोई जानकारी नहीं थी. 

NDTV

यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इस प्रस्ताव को भेजे जाने में नीता अंबानी या रिलायंस का कोई हाथ नहीं है. 

ये भी पढ़िए- जिस आलीशान ज़िन्दगी के हम सुहाने सपने देखते हैं, उसे हक़ीक़त में जीती हैं नीता अम्बानी