आपके मम्मी-पापा या किसी रिश्तेदार ने कभी न कभी ये ज़रूर कहा होगा कि ‘फ़िल्में देखने से कुछ हासिल नहीं होता’. उनकी बात को UP के जौनपुर के कंप्यूटर साइंस के टीचर दिनेश पटेल ने गलत साबित कर दिया है. दिनेश ने रजनीकांत की फ़िल्म रोबोट के प्रेरित होकर अपना ही एक रोबोट बना लिया है, जो 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषाएं बोल सकता है. इन्होंने रोबोट का नाम ‘शालू’ रखा है.

YouTube/अपनी RoboShalu

दिनेश पटेल IIT मुंबई के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस पढ़ाते हैं. इन्होंने फ़िल्म रोबोट के अलावा HongKong की रोबोटिक्स कंपनी हैंसन रोबोटिक्स की रोबोट ‘सोफिया’ से भी प्रेरणा ली है. इस रोबोट को बनाने के लिए दिनेश ने बेकार बचे हुए समान जैसे प्लास्टिक, गत्ता, लकड़ी और एल्युमिनियम वगेराह का इस्तेमाल किया है. इस रोबोट को बनाने में दिनेश को 3 साल से अधिक समय लगा और क़रीब ₹50,000 के आसपास ख़र्च आया.

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इस रोबोट की ख़ूबियों की बात करें तो ये देसी रोबोट हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, उर्दू, गुजराती, तमिल जैसी भारतीय भाषाएं बोल सकती है. इसके साथ ही अंग्रेज़ी,जर्मन, जापानी सहित 38 विदेशी भाषाओं में भी बात करने में माहिर है. दिनेश पटेल ने बताया कि यह सिर्फ़ एक प्रोटोटाइप है. उन्होंने कहा, ‘शालू लोगों का अभिवादन कर सकती है, अपनी भावनाएं दिखा सकती है, अखबार पढ़ सकती है और इस तरह के कई और काम कर सकती है. शालू का प्रयोग स्कूलों में टीचर और कार्यालयों में रिसेप्शनिस्ट के रूप में किया जा सकता है.’  इसे रोबोशालू नाम से भी जाना जाता है.

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रोबोशालू बच्चों को पढ़ाने, घर के बुजुर्गों की मदद करने के साथ-साथ बैंक, अस्पताल, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन जैसी पब्लिक वाली जगहों में भी लोगों की मदद कर सकती है. दिनेश पटेल ने बताया कि अभी इस रोबोट में प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का इस्तेमाल किया गया है, मास्क की मदद से इसे और अच्छा बनाया जा सकता है, जिस पर काम चालू है. 

रोबोशालू का अलग-अलग भाषाओं में बात करने वाला वीडियो देखिये:

भारत में रोबोटिक्स की बात करें तो ISRO ने गगनयान मिशन के लिए व्योम-मित्र नाम के रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनायी थी.