UIDAI ने The Tribune के पत्रकार के खिलाफ़ FIR दर्ज करवा दी. इस पत्रकार ने 500 रुपये में देश के करोड़ों लोगों की आधार जानकारी ख़रीद ली. अपनी ऑनलाइन सिक्योरिटी की लचर व्यवस्था को स्वीकार कर सुधारने के बजाये UIDAI ने पत्रकार को ही आड़े हाथों ले लिया.
लेकिन The Tribune के पत्रकार से भी पहले जालंधर के एक Village Level Entrepreneur ने UIDAI की सुरक्षा की कमियों का पता लगाया था.
32 वर्षीय भरत भूषण गुप्ता ने ही The Tribune को आधार डेटा को आसानी से प्राप्त करने की जानकारी दी थी. इसके बाद इस अंग्रेज़ी के अख़बार ने जांच-पड़ताल की और सच्चाई का पता लगाया.

भरत ने अख़बार के पास जाने से पहले UIDAI से संपर्क किया था, लेकिन उसकी बातें अनसुनी की गईं. 29 दिसंबर को WhatsApp पर कुछ लोगों ने आधार डेटा ख़रीदने का प्रलोभन दिया. भरत ने अपने और कुछ दोस्तों के आधार नंबर से Access लेने की कोशिश की तो उन्हें लगा कि वो ग़लत कर रहे हैं और उन्हें इतनी सारी जानकारी प्राप्त करने का हक़ नहीं है.
भरत एक Village-Level Entrepreneur हैं और वो कुछ लोगों का आधार डेटा हासिल कर सकते हैं.
कुछ दिनों बाद भरत ने UIDAI के टॉल फ़्री नंबर पर कॉल किया. उस कॉल के बारे में भरत ने बताया,
‘मैंने दो बार फ़ोन किया और तब जाकर मेरी ऑपरेटर से बात हुई. वो मेरी मुश्किल नहीं समझ रहा था. मैंने उससे कहा कि ये एक गंभीर समस्या है और वो मेरा कॉल किसी सीनियर के पास ट्रांसफ़र करे, तो उसने कहा कि ऑफ़िस में कोई भी सीनियर अधिकारी नहीं है.’
UIDAI से कोई मदद न मिलने पर भरत ने The Tribune के Correspondent से संपर्क किया. भरत की सहायता से Correspondent ने ‘अनामिका’ नाम से एक दूसरा लॉगिन नेम ख़रीदा.
सवाल ये है कि ये WhatsApp Group जो खुलेआम आधार डेटा बेट रहा था, उसने भरत जैसे छोटे लेवल के Entrepreneur से ही संपर्क क्यों किया?
पूरा आधार डेटा सिर्फ़ 500 रुपये में मिल जाये, तो कोई भी लालच में आ जायेगा. इससे कोई भी दोबारा अपना बिज़नेस शुरू कर सकता है.
भरत ने जो किया, वो करने के लिए हिम्मत चाहिये. एक सजग देशवासी से जितना बन पड़ता भरत ने वो सब किया. पुलिस भी भरत से पूछताछ कर सकती है लेकिन उसे इस बात की खुशी है कि आधार सिक्योरिटी में इतनी बड़ी ख़ामी को उसने जगजाहिर किया.
बहरहाल Editors’ Guild और कई बड़े पत्रकार The Tribune के साथ खड़े हुए हैं. Edward Snowden ने भी ट्विट कर कहा कि उस पत्रकार को अवॉर्ड मिलना चाहिए.
The journalists exposing the #Aadhaar breach deserve an award, not an investigation. If the government were truly concerned for justice, they would be reforming the policies that destroyed the privacy of a billion Indians. Want to arrest those responsible? They are called @UIDAI. https://t.co/xyewbK2WO2
— Edward Snowden (@Snowden) January 8, 2018
UIDAI ने भी इस सब पर कहा कि अभिव्यक्ति के आधार पर पहरे लगाने का उनका मक़सद नहीं लेकिन उन्होंने आधार सुरक्षा में गड़बड़ी की बात को भी स्वीकार नहीं किया.