26 जनवरी को हिंदुस्तान ने अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाया. हर साल की तरह इस साल भी सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. रिपोर्ट के अनुसार, 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. इनमें से 12 लोग ऐसे हैं, जो अपने सामाजिक कार्य के लिये जाने जाते हैं.    

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पद्मश्री पाने वाले सभी लोग ने समाजिक कार्यों में अपना अहम योगदान देकर लोगों के दिलों में ख़ास जगह बनाई है. चलिये इसी बात पर इनके बारे में थोड़ा बहुत विस्तार से जानते हैं. 

1. लक्ष्मी बरुआ

लक्ष्मी बरुआ वो महिला हैं जिन्होंने ज़रूरतमंद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने का मौक़ा दिया है. उन्होंने 1998 में Konoklota Mahila Urban Cooperative Bank की शुरूआत की थी. आज कई महिलाओं के स्वतंत्र और आर्थिक रूप मजबूत होने का श्रेय इन्हें जाता है.  

2. संगखुमि बुआलछुआक

संगखुमि बुआलछुआक मिजोरम के सामाजिक कार्यकर्ता हैं. संगखुमि की वजह से मिजोरम के नियम और क़ानून में बदलाव देखे गये, जिनसे लोगों की ज़िंदगी को एक नया आयाम मिला. 

3. प्रकाश कौर 

जलंधर से ताल्लुक रखने वाली प्रकाश कौर अब तक 80 से अधिक बच्चियों को नया जीवन दे चुकी हैं. इसके साथ ही उनके यूनीक होम इनिशिएटिव को भी काफ़ी सराहना मिली थी.

4. जगदीश चौधरी

काशी के डोमराजा जगदीश चौधरी को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वो प्रधानमंत्री नरेंद्र के प्रस्तावक थे. लंबी बीमारी से जूझते हुए पिछले साल अगस्त में उनका निधन हो गया था.  

5. चुटनी देवी
चुटनी देवी झारखंड की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वो पिछले 21 साल ‘डायन प्रथा’ के खिलाफ़ जागरूकता अभियान चला रही हैं, क्योंकि कभी उन्हें डायन कह कर गांव से निकाल दिया गया था.  

6. सुल्तरिम चोनजोर

इस गणतंत्र दिवस लद्दाख के सुल्तरिम चोनजोर को उनकी अनोखी समाज सेवा के लिये पद्मश्री सम्मान के लिये नामित किया गया है. 

7. श्याम सुंदर पालीवाल

पर्यवरण संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान के लिये काम करने वाले राजस्थान के श्याम सुंदर पालीवाल को भी पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है.  

8. बीरूबाला राभआ

असम राज्य के गोवालपारा ज़िले की रहने वाली बीरूबाला कई सालों से विच हंटिंग के ख़िलाफ़ अभियान चला रही हैं और उसमें सफ़ल भी रहीं. इसके चलते 2015 में सरकार ने विच हंटिंग के ख़िलाफ़ एक कानून भी बनाया था. 

9. सिंधुताई सपकाळ

सिंधुताई सपकाळ अनाथ बच्चों को सहारा देकर उन्हें उनकी ज़िंदगी संवारने का मौक़ा देती हैं. सिंधुताई को ‘अनाथों की मां’ के नाम से भी जाना जाता है.

10. गिरीश प्रभुने

गिरीश प्रभुने पुणे से ताल्लुक रखते हैं. वो ‘Punarutthan Samarasata Gurukulam’ नामक NGO भी चलाते हैं. समाज के प्रति इन्हीं सराहनीय कार्यों को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से नवाज़ा जायेगा. 

11. जितेंद्र सिंह शंटी

दिल्ली के जितेंद्र सिंह शंटी शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक हैं. ये संस्था पिछले 26 साल से ज़रूरतमंदों को निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करा रही है.  

12. मराची सुब्बुरमण

मराची सुब्बारमण तमिलनाडु के समाजिक कार्यकर्ता है और उनकी अतुल्य समाज सेवा को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मा अवॉर्ड से सम्मानित करने का निर्णय लिया है.

इन सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को दिल से बधाई.