त्यौहारों की शुरुआत हो चुकी है, दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली और भाई दूज ये सब त्यौहार आने वाले हैं. सभी त्यौहारों में हम अपनों से मिलते हैं उनके साथ समय बिताते हैं. मगर इस मेल-मिलाप और मस्ती के बीच जो सबसे ध्यान रखने वाली बात है वो है अपने साथ-साथ अपनों की भी सुरक्षा क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप अभी कम नहीं हुआ, लेकिन हम त्यौहारों को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं. इसलिए हमें सुरक्षा से जुड़ी सभी बातों को पूरी तरह से मानना होगा. इसके चलते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से 20 अक्टूबर, 2020 को अपने संबोधन में एहतियात बरतने की अपील की. ​केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी लोगों से एक ट्वीट में बड़ी सभाओं और भीड़-भाड़ से दूर रहने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा,

कोई भी धर्म या ईश्वर ये नहीं कहता है कि आपको आडंबरपूर्ण तरीक़े से जश्न मनाना है. बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने की ज़रूरत नहीं है. अगर आप बाहर जाने की सोच रहे हैं, तो आपको कोरोना वायरस सहित किसी भी बीमारी के जोखिम से बचने के लिए इन बातों को जानना ज़रूरी है.
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गुरुग्राम के नारायण हॉस्पिटल की पल्मोनरी एंड स्लीप मेडिसिन, कंसल्टेंट डॉ. शीबा कल्याण बिस्वाल ने स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के महत्व पर ज़ोर देते हुए indianexpress.com से कहा,

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भीड़ भरे स्थानों से बचते हुए त्यौहारों को पूरी सावधानी और एहतियात के साथ मनाया जाना चाहिए. खुली जगहों में लोगों से मिलते वक्त एक उचित दूरी ज़रूर बनाएं. मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगह में फंस जाते हैं तो मास्क बिल्कुल न हटाएं और लोगों के आमने-सामने के संपर्क से बचें. घर वापस आने के बाद अपने कपड़ों को डिटर्जेंट से धोएं और नहाएं. अगर आपको कोई लक्षण दिखाई देता है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श लें.

सोशल डिस्टेंसिंग को मानने के अलावा गृह मंत्रालय ने आयोजकों से आग्रह किया कि वे दूरी और नियमों को बनाए रखें और एक विस्तृत साइट प्लान तैयार करें, जो थर्मल स्क्रीनिंग, 6 फ़ीट की शारीरिक दूरी और स्वच्छता के अनुरूप हो.

1. जुलूस और रैलियों में भीड़ उतनी संख्या में हो जितने की अनुमति मिली हो. मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना बहुत ज़रूरी है.

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2. अगर आवश्यक हो तो सुरक्षित पीने के पानी की व्यवस्था डिस्पोज़ेबल ग्लास के साथ की जाए.

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3. सभी समारोह स्थल पर मेडिकल की सुविधा की जाए और पास के अस्पतालों से ज़रूरत पड़ने पर मदद ली जाए. 

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4. अगर किसी व्यक्ति को कोरोना पॉज़ीटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए.

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5. एयर-कंडीशनिंग, वेंटिलेशन के लिए, सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस होनी चाहिए. 

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6. प्रदर्शनियों, मेलों, पूजा पंडालों, रामलीला पंडालों या संगीत कार्यक्रमों और नाटकों में जो कई दिनों तक चलते हैं, वहां पर लोगों की संख्या, समय और एंट्री सुनिश्चित की जानी चाहिए. 

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7. जहां तक ​​संभव हो, रिकॉर्ड किए गए गाने बजाए और धार्मिक स्थानों में सिंगिंग ग्रुप को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

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वसंत कुंज के फ़ोर्टिस हॉस्पिटल की पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन कंसल्टेंट, डॉ. रिचा सरीन ने कहा,

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सांस संबंधी समस्या या ‘कमज़ोर इम्यून सिस्टम’ वाले लोगों को किसी भी क़ीमत पर बाहर निकलने से बचना चाहिए. इस साल हम सबको ‘न्यू नॉर्मल’ का पालन करना ज़रूरी है. जब तक कोई वैक्सीन न आ जाए तब तक हमें सावधानी बरतनी ज़रूरी है. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात को दोहराया और उल्लेख किया,

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65 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने और बड़े समारोहों में जाने से बचने की सलाह दी.