सिंगापुर से कनाडा फ़्लाइट से जाने में क़रीब 24 घंटे लगते हैं, लेकिन एक शख़्स को ये सफ़र तय करने में पूरे 9 महीने लग गए. है ना हैरानी की बात. दरअसल, इस शख़्स ने अपनी इस ट्रिप के लिए किसी फ़्लाइट को नहीं चुना, बल्कि पैदल ही निकल पड़ा. क्योंकि वो इस ट्रिप को यादगार बनाना चाहते थे. इस ट्रिप की शुरुआत भी फ़िल्मी तरीके से हुई. इनकी पूरी कहानी जानने के बाद आप भी ये कहेंगे कि इस स्टोरी पर एक अच्छी-ख़ासी फ़िल्म बनाई जा सकती है.

सिंगापुर से कनाडा बिना फ़्लाइट के जाने वाले इस शख़्स का नाम गणेश बालाकृष्णन है. जब इन्होंने अपनी दो साल की अनिवार्य सैन्स सेवा समाप्त कर ली, तो इन्होंने कनाडा यूनिवर्सिटी में दाख़िला ले लिया. 

नवंबर 2018 में शुरू हुई ये अनोखी ट्रिप 

अब गणेश चाहते तो वो फ़्लाइट ले सकते थे, लेकिन वो अपने Hitchhiking (लिफ़्ट लेकर सफ़र करना) के एक्सपीरिंस का फ़ायदा उठा कर इस सफ़र को हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहते थे, सो उन्होंने ऐसा ही किया. नवंबर 2018 में उन्होंने बैग पैक किया. गणेश ने अपने साथ लैपटॉप, कैमरा और कुछ कपड़े पैक किए और निकल पड़े इस अनोखी ट्रिप पर.

रोज़ के ख़र्चे के लिए थे बस 19 डॉलर

नवंबर 2018 से अगस्त 2019 तक गणेश 23 देशों की यात्रा करने में कामयाब रहे. जर्मनी पहुंचने के बाद वो कार्गो शिप की मदद से अमेरिका पहुंच गए. यहां वो अपने माता-पिता से मिले और फिर निकल गए कनाडा के लिए.उनके पास रोज़ाना ख़र्च करने के लिए बस 19 डॉलर यानी लगभग 1300 रुपये थे. इसमें उन्हें ट्रैवल भी करना था और खाना था और ठहरने का इंतज़ाम भी करना था. इसलिए वो अक्सर Couch-Surfing Website का प्रयोग करते.

इस पर आप अपने रहने के लिए जगह तलाश सकते हैं वो भी फ़्री में. एक बार ऐसे ही एक होस्ट के घर इन्हें थोड़ी दिक्कत हुई. उसने इनका कमरा लॉक कर दिया और नेट भी बंद कर दिया. तब वो रात में उठकर खिड़की से भाग आए थे. अपनी इस ट्रिप में गणेश अकसर रेलवे स्टेशन, Beech या फिर ऐसे ही किसी होस्ट के यहां रात बिताते थे.

अपने इस सफ़र के बारे में बात करते हुए गणेश ने कहा- ‘इस यात्रा से पहले, मैंने वास्तव में कभी भी कुछ भी दिलचस्प, साहसी या बहादुरी वाला काम नहीं किया था. लेकिन इस यात्रा के दौरान, मैंने जितना संभव हो सके अपने आप को कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया. इससे मैंने सीखा कि आपको कुछ करने से कोई रोकता है तो वो आप ख़ुद हैं, अगर आप करने पर आएं तो कुछ भी कर सकते हैं.’

अपने इस अद्भुत और अकल्पनीय अनुभव को गणेश बहुत जल्द एक बुक के ज़रिये लोगों के साथ भी शेयर करेंगे. उन्होंने The Long Direction: A Flightless Journey From Singapore To Canada नाम की बुक लिख ली है.  

सच में गणेश ने जिस तरह से ये सफ़र तय किया ये काफ़ी मज़ेदार रहा होगा.