समाज के तीसरे हिस्से यानि ट्रांसजेंडर्स की भागीदारी को समाज में धीरे-धीरे स्वीकार किया जा रहा है. इस बात की पुष्टि ट्रांसजेंडर्स के लिए अर्धसैनिक बलों में भर्ती ने की है. इसके चलते गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को सहायक कमांडेंट (एसी) के पद पर ट्रांसजेंडर्स की भर्ती के लिए अपने विचार रखने को कहा है. गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों में अधिकारियों के पदों पर थर्ड जेंडर की बहाली करने के चलते 1 जुलाई को CAPF को एक पत्र भी लिखा था.

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इसमें MHA ने कहा,

CAPF में सहायक कमांडेंट परीक्षा 2020 के लिए CAPF से सुझाव मांगे गए थे. इसके अलावा परीक्षा के नियमों में पुरुष/ महिला के साथ थर्ड जेंडर के रूप में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने को लेकर टिप्पणी और सुझाव CRPF, ITBP, SSB और CISF से मांगे भी गए थे, जो अभी तक नहीं मिले हैं. इस पूरे मामले पर मंत्रालय ने एक बार फिर से सभी को 2 जुलाई तक अंतिम विचार करके सुझाव देने के लिए कहा था. 
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अब तक, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों या भारतीय सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती का कोई प्रावधान नहीं है. मगर अब सरकार अधिकारियों के तौर पर ट्रांसजेंडर्स की भर्ती के लिए UPSC की वार्षिक परीक्षा में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने के बारे में विचार कर रही है.

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CAPFS के तहत आने वाले केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) में सहायक कमांडेंट का पद एक प्रवेश स्तरीय अधिकारी की रैंक होती है.   

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आपको बता दें, इस साल की शुरुआत में, Ministry of Personnel ने सभी मंत्रालयों और विभागों को केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए लिंग की एक अलग श्रेणी के रूप में ‘ट्रांसजेंडर्स’ को शामिल करने के लिए प्रासंगिक परीक्षा नियमों को संशोधित करने के लिए कहा था. 

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ग़ौरतलब है कि, सराकर ने पिछले साल दिसंबर में ट्रांसजेंडर्स (अधिकार संरक्षण) क़ानून (Transgender Persons Protection of Rights Act) को अधिसूचित किया था. इसके तहत जवान की भूमिका सहित सभी क्षेत्रों और सेवाओं जैसे रोज़गार भर्ती और पदोन्नति में ट्रांसजेंडर्स को समान मौक़े दिए जाने ज़रूरी हैं.

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