कोरोना वायरस फैलने के बाद से बहुत कुछ बदला है. हमारा रहन-सहन, हमारा दोस्तों से मिलना, पार्टी और ट्रैवल. अगर ट्रैवल की बात होती है तो ट्रेन की बात कैसे नहीं होगी. भारत की जनता और ट्रेन का रिश्ता तो बहुत पुराना है. हर किसी की कोई न कोई याद ज़रूर होती हैं ट्रेन के सफ़र की. लेकिन कोविड के बाद ये सफ़र भी पहले जैसा नहीं रहा है. सुरक्षा के लिए कई चीज़ें बदल दी हैं या फिर उस सेवा को बंद कर दिया गया है. भारतीय रेलवे की में अब कुछ चीज़ों के लिए अब अलग से पैसे देने पड़ेंगे. लेकिन इन सब के बीच रेलवे के किराए में कोई कमी नहीं आई है.

1- बेड रोल

राजधानी जैसी लग्ज़री ट्रेन में पहले बेड रोल रेलवे द्वारा दिया जाता था. जिसमें एक कंबल, एक तकिया, दो बेड सीट और एक छोटी तौलिया होती थी. लेकिन अब ये बदल चुका है. अब अगर आपको बेड रोल लेना है तो राजधानी में भी पैसे देने होंगे. भारतीय रेलवे ने इसका चार्ज 300 रुपये रखा है. इन सब के बीच कुछ अच्छे बदलाव भी रेलवे ने कोविड के बाद किए हैं. इसमें पेड बेडरोल की तीन कैटेगरी बनाने है. ऑन बोर्ड ऑन डिमांड डिस्पोज़ेबल ट्रैवल बेडरोल किट में तीन तरह के किट होंगे और आप अपने हिसाब से ले सकते हैं. 

A- पहली किट 300 रुपये की है जिसमें यात्रियों को कंबल, बेडशीट, तकिया, पिलो कवर, डिस्प़ोजल बैग, टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, कंघी, सैनिटाइज़र सैशे, पेपरसोप और टिश्यू पेपर मिलेंगे. 

B- दूसरी किट की कीमत 150 रुपये है, उसमें यात्रियों को केवल एक कंबल मिलेगा. 

C- वहीं तीसरी, मॉर्निंग किट है, जिसकी कीमत केवल 30 रुपये है, उसमें यात्रियों को टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, कंघी, सैनिटाइज़र सैशे, पेपर सोप और टिश्यू पेपर मिलेंगे.

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2- खाना

लग्ज़री गाड़ियों में पहले खाना रेलवे की तरफ़ से ही दिया जाता था, जिसके चार्जेज़ किराए में ही जुड़े होते थे. लेकिन अब बिना किराया कम किए खाने की सुविधा को बंद कर दिया गया है. लेकिन अगर आपको खाने का ऑर्डर देना है, तो आप टिकट करते समय अपने ऑप्शन को चुन कर उसका भुगतान टिकट के किराए के साथ कर सकते हैं. 

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3- पर्दे

ट्रेन के एसी कोच में पहले पर्दे लगे होते थे, लेकिन अब ये पर्दे हटा लिए गए हैं. खिड़कियों के पर्दे हटने से यात्रियों को काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सोते समय रौशनी का पड़ना या फिर खाते समय किसी बाहर के व्यक्ति का अंदर झांकने जैसी अनगिनत छोटी लेकिन समस्याओं का हल हुआ करते थे पर्दे, जो कि अब नहीं हैं.  

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4- वॉशरूम

कोविड से पहले रेलवे के वॉशरूम डरावने सपने जैसा होता था. लेकिन कोविड के बाद से रेलवे में वॉशरूम को हर बार इस्तेमाल के बाद साफ़ किया जाता है और इसके लिए हर कोच में एक कर्मचारी को नियुक्त किया गया है.  

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5- मास्क लगाना है ज़रूरी

वैसे तो मास्क हर जगह ही लगाना ज़रूरी है, लेकिन ट्रेन में सफ़र के दौरान बीते वक़्त में इसमें थोड़ी ढील दी गई थी. लेकिन एक बार फिर से इसे सख़्ती से लागू किया गया है. अगर आप बिना मास्क के स्टेशन पर पकड़े जाते हैं, तो शायद आपको सफ़र भी करने न दिया जाए.

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6- आधी कैपेसिटी से चलेगी ट्रेन

वैसे तो ये फ़ैसला दक्षिण रेलवे ने लिया है, लेकिन दूसरे ज़ोन भी इस फ़ैसले पर सहमति जगा रहे हैं. पैसेंजर ट्रेन में सफ़र करते समय अब वैक्सीन की डोज़ का सर्टिफ़िकेट दिखाना होगा और दोनों डोज़ का सर्टिफ़िकेट नहीं होने पर आप पैसेंजर ट्रेन में सफ़र नहीं कर पाएंगे.  

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7- स्टेशन और ट्रेन में होंगे ICU

रेलवे मिनिस्ट्री ने फ़ैसला लिया है कि ट्रेन में भी ICU बेड रहेगा, इतना ही नहीं बड़े स्टेशन में भी ICU की सुविधा बनाई जाएगी. ये न सिर्फ़ यात्री बल्कि रेलवे के स्टाफ़ के लिए भी होगी. 

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तो अब अगर आप कभी रेल से सफ़र करने वाले हैं या हाल ही में किया है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बदलाव के बारे में ज़रुर बताएं.