Unique Indian Innovation : भारत स्टार्टअप (Startup) के क्षेत्र में लगातार तरक़्क़ी कर रहा है. देश के कई यंग माइंड्स अपने नायाब आइडियाज़ को हक़ीक़त में तब्दील करने का जज़्बा रखते हैं. वो अपने टैलेंट को निखारने की हर संभव कोशिश करते हैं. हालांकि, भारतीय जिस चीज़ में सबसे ज़्यादा माहिर हैं, वो है हमारा देसी टैलेंट यानि कि जुगाड़. साथ ही, जब जुगाड़ में क्रिएटिविटी का तड़का लग जाए, फिर तो उस आइडिया को आविष्कार में तब्दील होने से रोक पाना असंभव है.

एक ऐसे ही देसी जुगाड़ में क्रिएटिविटी जोड़ने वाले शख़्स हैं हरियाणा के गुरसौरभ. उन्होंने एक ऐसी अनोखी किट बनाई है, जो किसी भी साइकिल को केवल 20 मिनट में इलेक्ट्रिक साइकिल में बदल सकती है. उनके इस आविष्कार से महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा भी काफ़ी ख़ुश हुए थे और उन्होंने इस आविष्कार में निवेश की भी इच्छा जताई थी.

Unique Indian Innovation
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आइए आपको गुरसौरभ के इस अनोखे आविष्कार के बारे में विस्तार से बताते हैं. 

कैसे आया ये आइडिया?

गुरसौरभ हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने गांव में आने-जाने की समस्या को देखते हुए इस किट को डिज़ाइन किया. उनका DVECK (ध्रुव विद्युत इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट) साइकिल और रिक्शा का उपयोग करने वालों के लिए है. उन्हें इसकी प्रेरणा रेट्रोफ़िटिंग के आइडिया से मिली. इसमें वाहनों के मोटर में कुछ बदलाव करके उसे इलेक्ट्रिक में बदला जा सकता है. इस किट को बिना किसी कटिंग, फ़ैब्रिकेशन या मोल्डिंग के अच्छी तरह से फ़िट किया जा सकता है. 

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क्या हैं इस इलेक्ट्रिक वाहन की सुविधाएं?

गुरसौरभ के मुताबिक महामारी के दौरान उनके गांव के बच्चों ने दूरी की वजह से अपने स्कूल जाना बंद कर दिया. इस समस्या को देखते हुए उन्होंने ये किट बनाई ताकि लोगों को आने-जाने में आसानी हो सके और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिले. दरअसल, उत्तर भारत में आज भी ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले लोग इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर ही निर्भर हैं. इससे उन्हें पेट्रोल में अपने पैसे ख़र्च नहीं करने पड़ते. साथ ही महिलाएं और बच्चे भी इसे आसानी से चला सकते हैं.

ये किट साइकिल या रिक्शा को 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार देती है. साथ ही इसे 170 किलो वज़न की क्षमता और 40 किलोमीटर प्रति चार्ज की रेंज देता है. ये किट फ़ायरप्रूफ़ और वाटरप्रूफ़ भी है. इसमें एक चार्जिंग पोर्ट है, जो 20 मिनट की पैडलिंग के साथ फ़ोन की बैटरी को भी 50 प्रतिशत तक चार्ज कर सकता है. 

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वायु प्रदूषण को करेगा कम 

गुरसौरभ के आविष्कार से भारत की जनता की ईवी क्षेत्र तक पहुंच आसान बनेगी. लगभग 58 प्रतिशत लोग देश में साइकिल और ई-रिक्शा चलाते हैं. इससे वायु प्रदूषण कम होता है. हालांकि, ये किट अभी जनता के लिए उपलब्ध नहीं है. लेकिन गुरसौरभ इसे जल्द ही मार्केट में लाने की कोशिश में हैं. 

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