दुनियाभर के 213 देश कोरोना महामारी से परेशान हैं. वैज्ञानिक कई महीनों से वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं. इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने कोरोना का मज़ाक बनाकर रख दिया है. 

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कोरोना संकट में कोई मिटटी में लोट-पोट होकर, तो कोई गौ मूत्र के सेवन से कोरोना भगाने का दावा कर रहा है. कोई कहता है कि शरीर पर गोबर का लेप लगाने से कोरोना भाग जायेगा, तो कोई लोगों को ‘भाभीजी पापड़’ खिलाकर ख़ुद ही कोरोना पॉज़िटिव हो जाता है. हमारे देश में लोगों के पास कोरोना भागने के 101 तरीक़े हैं. 

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केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को कोरोना से बचाने के लिए मास्क पहनने की सलाह दे रही हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस महामारी को हल्के में ले रहे हैं. इनमें एक मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्त्म मिश्रा भी है. मिश्रा जी का कहना था कि ‘वो मास्क नहीं पहनते हैं’.

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बीते बुधवार को नरोत्त्म मिश्रा प्रदेश सरकार की ग़रीब कल्याण आधारित ‘सम्बल’ योजना से जुडे़ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इंदौर में थे. इस दौरान उन्होंने मास्क नहीं लगाया हुआ था. मीडिया ने जब उनसे मास्क नहीं लगाने के बारे में पूछा तो नेता जी का कहना था कि, ‘मैं किसी भी कार्यक्रम में मास्क पहनता ही नहीं हूं. इससे होता ही क्या है?

इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा, प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को खुली चुनौती कि, ‘मै मास्क नहीं पहनता’. है कोई माई का लाल जो नियमों का उल्लंघन करने पर इन पर कार्यवाही का साहस दिखा सके? क्या नियम सिर्फ़ जनता के लिए होते हैं? 

बाद में दी बयान पर सफाई 

मामला बढ़ने पर नरोत्तम मिश्रा ने सफ़ाई देते हुए कहा, ऐसा नहीं है, आवश्यकता होती है तो मैं मास्क लगाता हूं, लेकिन लंबे समय तक नहीं लगा पाता. क्योंकि मुझे पॉलिप्स है, मास्क लगाने पर मुझे घुटन होती है. मैं कई कार्यक्रमों व सार्वजनिक स्थानों पर आवश्यकता पड़ने पर ही मास्क लगाता हूं.