UPSC Success Story: देश में करोड़ों युवा IAS बनने का सपना देखते हैं. लाखों रुपये देकर कोचिंग करते हैं, हज़ारों रुपये के नोट्स ख़रीदते हैं. मगर इसके बावजूद चंद स्टूडेंट्स ही UPSC का एग्ज़ाम क्लियर कर पाते हैं. वहीं कुछ प्रियांक किशोर (IAS Priyank Kishore Success Story) जैसे कैंडिडेट्स भी होते हैं जो अपने पहले ही प्रयास में सफ़ल हो जाते हैं. वो भी बिना किसी कोचिंग की मदद के. (How to prepare for UPSC)

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ऐसे में आइए जानते हैं कैसे आईएएस प्रियांक किशोर ने UPSC के पहले ही प्रयास में सफ़लता पाई.

UPSC Success Story: बिना कोचिंग के बने IAS

प्रियंका किशोर ने दिल्ली के रामजस कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की थी. फिर वो UPSC की तैयारी करने लगे और साल 2018 में अपने पहले ही प्रयास में सफ़लता भी हासिल कर ली. उन्होंने बिना कोचिंग के सेल्फ़ स्टडी की थी. हालांकि, उस वक़्त उनकी 274वीं रैंक आई थी. उन्हें इंडियन एकाउंट और ऑडिट सर्विस एलॉट हुई.

IAS Priyank Kishore Success Story

हालांकि, प्रियांक अपनी इस रैंक से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने 2019 में फिर से कोशिश की. इस साल उन्हें 61वीं रैंक हासिल हुई. प्रियांक ने कहा कि उन्हें सिविल सर्विसेज़ में आने की प्रेरणा अपने पिता से मिली, जो ख़ुद झारखंड पुलिस में डिप्टी सुप्रिटेंडेंड के पद पर काम करते हैं.

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प्रियांक ने दिए UPSC तैयारी के टिप्स

उनका कहना है कि इस परीक्षा में सफ़ल होने के लिए कांफ़िडेंट होना बहुत ज़रूरी है. पॉज़िटिव अप्रोच के साथ तैयारी करने की ज़रूरत होती है. साथ ही, प्रिलिम्स को बहुत महत्व देना चाहिए. क्योंकि, अगर वही क्लियर नहीं हुआ तो कभी मेन्स देने का मौक़ा नहीं मिलेगा. (Mistakes to avoid during UPSC preparation)

प्रियांक ने कहा, उन्होंने ख़ुद सबसे बड़ी ग़लती निबंध तैयार करने वक़्त की थी. एग्ज़ाम से पहले निबंध की तैयारी तो की, मगर कोई टेस्ट सीरीज़ ज़्वॉइन नहीं की. हालांकि, उन्होंने अपने दोस्तों और कुछ लोगों से एडवाइस ली थी और अपना निबंध चेक भी कराते थे, मगर उनकी सलाह है कि एस्पिरेंट्स को प्रोफ़ेशनल हेल्प लेनी चाहिए.

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आंसर राइटिंग प्रैक्टिस ज़रूरी है

प्रियांक सलाह देते हैं कि सवाल का जवाब बुकलेट पर लिखते वक़्त स्पेस का ख़ास तौर पर ध्यान रखना चाहिए. प्रियांक ने बताया कि परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में जो स्पेस दिया जाता था उसमें कम से कम 150 शब्द लिखने होते थे. जो मुझे लिखना मुश्किल लगा. ये मेरे लिए चुनौती थी. मैं उत्तर पुस्तिका में लगभग 135 से 140 शब्दों ही लिख पाता था. ये देखते हुए कि मैं आमतौर पर एक बड़े फॉन्ट में लिखता था. उन्होंने कहा कि इंट्रोडेक्शन और अंत में पैराग्राफ़ लिखें, बाकी बुलट प्वॉइन्टस में आंसर को रखें, ताकि पढ़ने में आसानी रहे.

प्रियांक कहते हैं कि कांफिडेंट रहें, खूब मॉक टेस्ट दें और इन मॉक टेस्ट्स को सीरियसली लें. केवल टेस्ट देने से ही बात ख़त्म नहीं होती उन्हें एनालाइज़ भी करें और देखें कि आप कहां ग़लती कर रहे हैं और कहां इम्प्रूव कर सकते हैं.

वो कहते हैं कि अगर आपको जनरल स्टडीज़ के पेपर में परेशानी हो तो प्रोफ़ेशनल हेल्फ़ ज़रूर लें. साथ ही, अपने नोट्स अपडेट करें. वहीं, अगर ऑप्शनल सब्जेक्ट में अच्छी तैयारी के बाद भी दिक्कत आ रही हो तो सब्जेक्ट चेंज करने पर विचार कर सकते हैं.

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बार-बार हो रहे हैं फ़ेल तो क्या करें?

जो लोग लगातार तीन प्रयासों में भी असफ़ल हुए हैं, उन्हें प्रियांक सलाह देते हैं कि ब्रेक ले लें. उनका कहना है कि अपने करियर पर ध्यान दें. फिर अपना आखिरी प्रयास पूरे दृढ़निश्चय और नई ऊर्जा के साथ दें. थोड़ा रुकने से आपको समझ आएगा कि आप कहां ग़लती कर रहे हैं. (UPSC Success Story)

वो कहते हैं कि UPSC का एग्ज़ाम आपकी इमोशनल क्षमता को भी टेस्ट है. यानि कि कैसे आप असफ़ल होने के बाद वापस से कोशिश करते हैं. कुल मिलाकर पॉज़िटिव सोच के साथ इस एग्ज़ाम को क्लियर करना ज़्यादा आसान होता है.

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