राजस्थान की एक बहादुर लड़की हथियारबंद बदमाशों से अकेले ही भिड़ गई थी. इस लड़की की बहादुरी को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने उसे सीधे राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति दी है. ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के मौक़े पर राज्य सरकार ने ये घोषणा कर महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है.

चलिए आपको इस बहादुर लड़की की कहानी बताते हैं.  

बात 3 मार्च की है राजस्थान पुलिस एक कुख़्यात अपराधी धर्मेन्द्र उर्फ़ लुक्का को भरतपुर से पेशी के लिए रोडवेज़ बस से धौलपुर ला रही थी. तभी बदमाश के साथियों ने उसे छुड़ाने का प्रयास किया. वो कट्टा लेकर बस में सवार हो गए और पुलिस वालों को जान से मारने की धमकी देने लगे. 

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उसी बस में वसुंधरा चौहान और आरएसी के जवान कमर सिंह भी मौजूद थे. वसुंधरा ने साहस दिखाते हुए बदमाशों पर हमला कर दिया और कमर सिंह उन पर अटैक करने आ रहे दूसरे गुंडों को संभाला. कुछ देर तक हाथापाई हुई और पुलिस वसुंधरा की मदद से उन पर काबू पाने में कामयाब रही. बदमाश अपने मंशुबों को नाकाम होता देख भाग खड़े हुए. 

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वसुंधरा की इस बहादुरी के लिए धौलपुर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने उसकी जमकर तारीफ़ की. बाद में पुलिस विभाग ने वसुंधरा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित और कॉन्स्टेबल कमर सिंह को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदोन्नति दी. प्रदेशभर में वसुंधरा ‘आयरन लेडी’ के नाम से फ़ेमस हो गईं. 

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वसुंधरा NCC कैडेट रह चुकी हैं और उनके पास इसका C सर्टिफ़िकेट भी है. यही नहीं उन्होंने क्रिमिनोलॉजी विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर रखी है. उनकी योग्यता को देखते हुए ही वसुंधरा को ये पोस्ट ऑफ़र की गई है. वसुंधरा को नियुक्ति के लिए बस राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम के तहत शारीरिक दक्षता, मेडिकल फ़िटनेस और कैरेक्टर सर्टिफ़िकेट जमा करवाने की आवश्यकता होगी.

सीएम साहब ने ख़ुद ट्वीट कर उन्हें बधाई देते हुए ख़ुद इस बात की घोषणा की है.