दिल्ली के क़रीब ग्रेटर नोएडा में एक आवासीय परिसर के निवासी और पुलिसवालों के बीच जमकर बहस हुई है. दरअसल, वहां एक कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ पाया गया था, जिसकी वजह से पुलिस ने पूरी सोसाइटी को सील कर दिया. इस बात पर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया कि जिस टावर में पॉज़िटिव मरीज़ मिला है, सिर्फ़ उसे सील किया जाए न कि पूरी सोसाइटी को बंद कर दिया जाए.   

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सुपरटेक इकोविलेज सोसाइटी का वीडियो भी सामने आया, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग पूरी सोसाइटी को सील करने पर कड़ा एतराज़ जता रहे हैं और रेसीडेंशियल कॉम्पलेक्स के गेट बाहर खड़ी पुलिस उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है.  

लोगों का कहना था कि अब ज़्यादातर ऑफ़िस दोबारा खुल चुके हैं, ऐसे में उन्हें काम पर जाना है. इस पर हाथ में माइक पकड़े एक पुलिस ऑफ़िसर ने जवाब दिया, ‘हम सामने खड़े हैं. हम भी नौकरी कर रहे हैं. हम सरकारी नौकरी में है. हम 24 घंटे काम करते हैं और सैलरी 12 घंटे की मिल रही है. ये बहस का मुद्दा नहीं है, अगर है तो बाहर आ जाइए.’  

इतने में ही एक आदमी की आवाज़ आती है, ‘सर हम भूख से मर जाएंगे.’  

इस पर ऑफ़िसर ने जवाब दिया, ‘आप डीएम साहब से बात कर सकते हैं. हमने तो जो मज़दूर पलायन कर रहे हैं, उन्हें भी मरने नहीं दिया.’  

पुलिस और लोगों के बीच काफ़ी लंबी बहस चली, लेकिन बाद में लोगों को समझाकर शांत करा दिया गया. जिसके बाद पुलिस ने पूरी सोसाइटी को सील कर दिया है.  

उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर जिला, जिसके अंतर्गत ग्रेटर नोएडा और नोएडा आते हैं, यहां 359 कोरोनो वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में आदेश दिया था कि दिल्ली में लोग नोएडा और गाज़ियाबाद की यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने दिल्ली के साथ अपनी सीमाओं को सील कर दिया है.