What Are Green Crackers: दिवाली (Diwali) में कुछ ही दिन बचे हैं. इससे पहले ही कुछ राज्य सरकारों ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) न हो, इसके लिए कुछ राज्यों ने सिर्फ़ ग्रीन पटाखों (Green Crackers) की इजाज़त दी है.

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ग्रीन पटाखे क्या हैं और ट्रेडिशनल पटाखों से कैसे अलग हैं? साथ ही, क्या ग्रीन पटाखों से बिल्कुल भी पॉल्यूशन नहीं होता है?

क्या होते हैं Green Crackers और क्या इनसे नहीं होगा Air Pollution?

ग्रीन पटाखों को ट्रेडिशनल पटाखों से पैदा होने वाले वायु प्रदूषण के मुकाबले बेहतर माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए साल 2018 में ग्रीन पटाखों का कांसेप्ट लाया गया था. ग्रीन पटाखों में एलुमिनियम, बेरियम, पोटैशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे खतरनाक केमिकल नहीं होते हैं. (What Are Green Crackers))

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ग्रीन पटाखे ट्रेडिशनल पटाखों की तुलना में 30% कम प्रदूषणकारी होते हैं. साथ ही, इन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा आवाज भी काफ़ी कम होती है. ग्रीन पटाखों की आवाज़ क़रीब 110 डेसिबल होती है, जबकि सामान्य पटाखों की आवाज़ 160 डेसीबल होती है.

ग्रीन पटाखों को इस तरह तैयार किया जाता है कि उनसे पर्यावरण पर ज़्यादा प्रभाव ना पड़े. हालांकि, इन्हें इको-फ़्रेंडली नहीं कह सकते हैं, क्योंकि प्रदूषण इनसे भी होता है.

ग्रीन पटाखों के प्रकार

ग्रीन पटाखे भी अलग-अलग तरह के होते हैं, जैसे- Safe Water Releaser (SWAS), Safe Thermite Cracker (STAR) और Safe Minimal Aluminum (SAFAL). इन सभी की अपनी-अपनी ख़ूबियां होती है. मसलन, SWAS में पटाखें वायुमंडल में जलवाष्प को डिसचार्ज करेंगे, जिससे धूल नम हो जाएगी. इसमें सल्फर या पोटैशियम नाइट्रेट नहीं होगा. गैसीय उत्सर्जन के लिए एक Diluent रिलीज़ होगा. उत्सर्जित कण धूल की मात्रा में 30% की कमी होगी.

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इसी तरह STAR में भी सल्फर और पोटैशियम नाइट्रेट शामिल नहीं है. कम पार्टिकुलेट मैटर का डिसचार्ज होगा. कम आवाज़ होगी. वहीं, SAFAL में भी सल्फर और पोटैशियम नाइट्रेट का इस्तेमाल नहीं होता है, इनमें कम पार्टिकुलेट मैटर का डिसचार्ज होगा और ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा.

साथ ही, ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि ग्रीन पटाखे आपको लाइसेंस वाली दुकानों से ही खरीदने चाहिए. स्ट्रीट वेंडर और बिना लाइसेंस वाली दुकानों पर मिलने वाले ग्रीन पटाखे ज्यादा प्रदूषण फैला सकते हैं और हवा को ज़हरीला बना सकते हैं. जिसका आपकी हेल्थ पर भी असर पड़ेगा.

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