बीते बुधवार को केरल से एक दर्दनाक घटना सामने आई थी. इस दौरान लोगों ने एक प्रेग्नेंट हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक लोग दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे.
जानकारी के मुताबिक़ हथनी ने 25 मई को ग़लती से पटाखों से भरा अनानास खा लिया था. इसके बाद 27 मई को हथनी की वेल्लियार नदी में खड़े-खड़े मौत हो गई थी. ये मामला उस वक़्त सामने आया जब बुधवार को वन विभाग के एक ने अधिकारी ने ट्वीट इसकी जानकारी दी.
मेनका गांधी ने घटना को सांप्रदायिक रंग कोशिश की
It’s murder,Malappuram is famous for such incidents, it’s India’s most violent district.For instance, they throw poison on roads so that 300-400 birds & dogs die at one time: Maneka Gandhi,BJP MP&animal rights activist on elephant’s death after being fed cracker-stuffed pineapple pic.twitter.com/OtLHsuiuAq
— ANI (@ANI) June 3, 2020
अब इस मामले में आया है एक नया मोड़!
दरअसल, प्रेग्नेंट हथिनी की मौत केरल के मल्लापुरम की वेल्लियार नदी में हुई थी ये बात सच है, लेकिन हथिनी के साथ ये घटना मल्लापुरम में नहीं, बल्कि पलक्कड ज़िले के मन्नारकड़ इलाक़े में हुई थी, लेकिन इस दौरान कुछ ग़ैर ज़िम्मेदार मीडिया संस्थानों ने इसे मल्लापुरम की घटना बताया था.
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि इस मामले में मल्लापुरम का नाम क्यों आया? दरअसल, मल्लापुरम एक मुस्लिम बहुल इलाक़ा है. इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के लिए कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे मल्लापुरम से जोड़ दिया. इसके बाद बीजेपी नेता मेनका गांधी ने इस मामले में टिप्पणी करके इसे विवाद का नाम दे दिया.
Between left and right, Hindu and Muslim humanity is nowhere to be seen. Can’t believe young Indians have lost the capacity to think beyond divisive propaganda. An Elephant lost her life due to some monster and the lady is busy peddling Hindu-Muslim theory.#India #ElephantDeath pic.twitter.com/1qC7oNbxYz
— Durgesh (@DurgeshAgrahari) June 3, 2020
क्या है पूरा मामला?
बुधवार को ये मामला उस वक़्त सुर्ख़ियों में आया जब पलक्कड ज़िले के वन अधिकारी मोहन कृष्णन्न ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा कि ‘हथिनी ने इंसानों पर भरोसा किया. जब उसके मुंह में वो अनानास फटा होगा तो वो डर गई होगी और अपने बच्चे के बारे में सोच रही होगी, जिसे वो 18 से 20 महीनों में जन्म देने वाली थी.
International Business Times से बातचीत में भारतीय वन विभाग के एक अधिकारी का कहना था कि, प्रेग्नेंट हथिनी को किसी ने भी पटाखों से भरा अनानास नहीं खिलाया था, बल्कि उसने ग़लती से खाया था. फ़ॉरेस्ट रेंज के क़रीब रहने वाले ग्रामीणों ने सुवरों को भागने के लिए खेत में पटाखों से भरा अनानास रख दिया था जिसे हथिनी ने ग़लती से खा लिया था.
दरअसल, पलक्कड ज़िले के साइलेंट वैली इलाक़े में ग्रामीण अकसर जंगली जानवरों को भागने के लिए इस तरह के उपाय अपनाते हैं.
इस घटना के बाद देशभर में फैले रोष के बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हथनी की मौत मामले में प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं. पुलिस को घटना के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.