दुनिया की बेस्ट मल्टीनेशनल कंपनियों में से एक है टाटा ग्रुप. इसकी स्थापना जमशेदजी नौशेरवान जी टाटा(JN Tata) ने की थी. टाटा ग्रुप शुरू से ही बिज़नेस के साथ ही ज़रूरतमंदों की सहायता यानी चैरिटी करने में अग्रणी रहा है. जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा यानी जेआरडी टाटा का भी मन समाज सेवा में लगता था. उन्होंने कई लोगों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ाया. उन्हीं में से एक देश के पूर्व राष्ट्रपति भी थे.

बात हो रही है 1997 में देश के राष्ट्रपति का पद संभालने वाले शख़्स के. आर. नारायणन की. 81 साल पहले बिना जाने जेआरडी टाटा ने उनकी मदद की थी. टाटा संस के Brand Custodian हरीश भट ने जेआरडी टाटा और के.आर. नारायणन से जुड़ी एक स्टोरी लिंक्डइन पर शेयर की है.

tata

ये भी पढ़ें: एयर इंडिया के जनक जेआरडी टाटा के लिए देश सबसे पहले था, जानिए उनसे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा

हरीश ने बताया कि कैसे जेआरडी टाटा ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन की मदद की थी. उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि जब होनहार और नौजवान नारायणन ने त्रावणकोर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की परीक्षा पास तो वो उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे. लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी.

hindustantimes

ये भी पढ़ें: रतन टाटा: वो बिज़नेसमैन जिसने अकेले अपनी काब़िलियत के दम पर टाटा ग्रुप को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया

hindustantimes

जेआरडी टाटा ने एंडोमेंट को लेटर लिख उन्हें 16 हज़ार रुपये की छात्रवृत्ति दिलवाई और 1000 रुपये लोन के रूप में अलग से दिलवाए. उनकी मदद के बाद के.आर. नारायणन इंग्लैंड गए और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया. 1949 में वो भारतीय विदेश सेवा शामिल हो गए और 1992 में भारत के उप-राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे. 1997 में उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाया गया था.

samacharjagat

इस तरह जाने-अनजाने में जेआरडी टाटा ने देश के राष्ट्रपति के पद पर बैठने वाले नारायणन की मदद की थी.