Woman Tweet Freshers Salary : जब हम पहली बार प्रोफ़ेशनल वर्ल्ड में क़दम रखते हैं, तो हम ज़्यादातर तुरंत ये सोचने लगते हैं कि हम अपनी पहली सैलरी के साथ क्या करेंगे. लेकिन जब फ़ाइनली पेचेक आता है, तो हम रियल में बस उस अमाउंट को देखकर एक नैपकिन ख़रीदते हैं और उससे बस अपने आंसू ही पोंछते रह जाते हैं.  

भारत में डॉक्टरों को MBBS और डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के बाद भी 9000 तक की सैलरी ही मिल रही है. वहीं, ज़्यादातर इंस्टीट्यूट 5 साल के एक्सपीरियंस वाले फुल टाइम एडिटरों को भी सिर्फ़ 10 हज़ार रुपए की सैलरी ही दे रहे हैं. कई लोगों को कड़ी मेहनत करने के बावजूद सिर्फ़ कोड़ियों के दाम ही मिल रहे हैं, ये बात बिल्कुल शत प्रतिशत सच है.  

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हाल ही में, ट्विटर पर एक महिला ने फ्रेशर्स को हर महीने 50 हज़ार रुपए सैलरी मिलने पर अपनी निराशा व्यक्त की. उसने इस माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर ट्वीट करके सवाल उठाया कि मेट्रो सिटी में इतनी लो सैलरी पर कोई कैसे अपना ख़र्चा चला पाएगा.

उसने अपने ट्वीट में लिखा, “फ्रेशर की सैलरी इतनी लो क्यों होती है? मेट्रो सिटी में इस तरह से कोई कैसे ज़िन्दा रह पाएगा? 50 हज़ार रुपए प्रति महीने की सैलरी पर, आपके पास मुश्किल से कोई बचत होगी. हर व्यक्ति अपने परिवार से रुपए नहीं ले सकता.”

इस ट्वीट के बाद लोग तमाम तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. पहली बात कि भारत में एक फ्रेशर को महीने का 50 हज़ार रुपए भी मिलना काफ़ी बड़ी बात है और इस बात से काफ़ी लोग सहमत होंगे. लोगों को अपनी पहली नौकरी में 12 हज़ार से 18 हज़ार रुपए ही मिलते हैं. हालांकि, हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि मेट्रो सिटी में बेसिक चीज़ों से समझौता किए बिना जीवित रहना और एक अच्छी लाइफ़स्टाइल रखना, 50 हज़ार रुपए हाथ में होने के बावजूद भी मुश्किल हो सकता है.

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सोशल मीडिया पर काफ़ी लोगों को लगा कि फ्रेशर को इतनी सैलरी मिलना भारत में बड़ी डील है. आइए आपको लोगों के रिएक्शन के बारे में भी बता देते हैं.