कहते हैं कि मकर संक्रांति सर्दियों का आख़िरी त्यौहार होता है और लोग इस दिन को नए साल की शुरुआत के रूप में मनाते हैं. इस दिन कुछ लोग खिचड़ी बनाते हैं, कुछ तिल के लड्डू, तो वहीं किसी-किसी शहर में पतंग उड़ाकर इसे सेलिब्रेट किया जाता है. आकाश में उड़ती पतंगों को देखकर मन भी पतंग की तरह उड़ना चाहता है, लेकिन मैं चाहता हूं कि हम ये त्यौहार मनाएं, तो ज़रूर लेकिन बिना पतंग के.

मेरी इस बात के पीछे एक बहुत ही बड़ी वजह है और वो है पक्षी. पक्षियों का भी इस धरती पर उतना ही अधिकार है जितना किसी इंसान का. लेकिन शुरुआत से ही इंसान अपने स्वार्थ के लिए जानवरों और पक्षियों को नुकसान पहुंचाता आया है.
मकर सक्रांति के दिन भी ऐसा ही कुछ हुआ. इस दिन कई शहरों में जमकर पतंगबाज़ी हुई. मगर इस पतंगबाज़ी का ख़ामियाज़ा कई पक्षियों को अपनी जान गंवा कर भरना पड़ा. ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है.

इस मार्मिक तस्वीर में एक मृत तोता है, जिसकी गर्दन किसी पतंग के मांझे में फंस गई थी और उसने तोते की जान ले ली. इस तस्वीर को देखकर किसी की आंखों में आंसू आ जाएं. इसे एक ट्विटर यूजर ने अपने अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा-‘हमारे सिर शर्म से झुके हैं. पक्षियों की दुर्दशा दिखाती इस फ़ोटो को शेयर करने के लिए धन्यवाद भाविक ठाकेर. दुर्भाग्य से पतंगों के इस त्यौहार के दिन सैंकड़ों पक्षी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. चाइनीज़ मांझा इस्तेमाल करना बंद करें.’
We hang our head in shame. This hard hitting image has been shared by Bhavik Thaker, titled “kaypo che?”. Thanks for aptly showcasing the plight of these beautiful creatures. Unfortunately, hundreds of birds loose their life during kite festival. stop using chinese/manja threads. pic.twitter.com/TcJlTVJXAw
— Bidita Bag (@biditabag) January 15, 2019
चीन से आयातित इस मांझे को सुप्रीम कोर्ट बैन कर चुका है. क्योंकि कांच चढ़ा ये मांझा पक्षियों की नहीं कई इंसानों की भी जान ले चुका है. The Hindu की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी मकर संक्रांति को इस ख़तरनाक मांझे की चपेट में आकर नासिक में 18 पक्षी मारे गए और 40 घायल हो गए. गुजरात में पहले दिन 472 और अगले दिन 230 घायल पक्षियों को एक चैरिटेबल ट्रस्ट में घायल अवस्था में भर्ती कराया गया. वहीं जयपुर में तकरीबन 300 लोग इस मांझे के चलते घायल हो गए, जिनमें बाइकर्स और बच्चे भी शामिल हैं.
Gujarat: Birds injured during the kite flying in #MakarSankranti receive medical care in Ahmedabad. Vinay Shah, Trustee Jivdaya Charitable Trust says, “Yesterday we received 472 birds & today we’ve received 230 birds. Initially, we give first aid & surgery is done when required.” pic.twitter.com/OrVS3KguOq
— ANI (@ANI) January 15, 2019
ये सारे उदाहरण बताते हैं कि चाइनीज़ मांझा कितना ख़तरनाक है. मैं पतंगबाज़ी करने के ख़िलाफ नहीं हूं, लेकिन चाहता हूं कि इस तरह के जानलेवा मांझे का इस्तेमाल करना हम बंद कर दें. ये पक्षियों के साथ ही हमारे लिए भी अच्छा होगा. आपका क्या कहना है? कमेंट कर आप अपनी राय हमसे ज़रूर शेयर करें.