राखी का त्यौहार क़रीब है. रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहनों को सदा उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. यही कारण है कि भाइयों से आशा की जाती है कि वो हर हालत में बहन का साथ दें और हर मुश्किल में उनकी मदद करें. राखी के बंधन में बंधे भाई तो ऐसा करते ही हैं, लेकिन कई बार कुछ लोग बिना इस बंधन के भी कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे दुनिया का मानवता में विश्वास बना रहता है. 

1. अपनी डिलीवरी रोक कर दूसरी प्रेग्नेंट महिला की मदद करने वाली डॉक्टर

केंटकी शहर की महिला डॉक्टर अमांडा हेस ने अपनी डिलीवरी रोक कर दूसरी महिला की डिलीवरी में मदद की. अमांडा उस दिन अस्पताल अपनी डिलीवारी के लिए पहुंची थी, लेकिन पास के कमरे से उन्हें दूसरी महिला की चीख की आवाज़ आ रही थी, अमांडा जब दूसरे कमरे में पहुंची, तो उन्हें पता चला कि दूसरी महिला का बच्चा डिलीवरी के दौरान फंस गया है, जिस वजह से उसे असहनीय दर्द हो रहा है. डॉक्टर के आने में समय था, तो अमांडा ने खुद ही महिला की डिलीवरी कराने का फैसला किया. बच्चे का सुरक्षित जन्म करा कर उन्होंने महिला की मदद की.

2. कुम्भ एक्सप्रेस में लगी आग, कोच अटेंडेंट ने बचाई यात्रियों की जान

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कुम्भ एक्सप्रेस के एसी कोच में शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई, जिसके बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया, पूरा कोच धुंए से भर गया. कोच अटेंडेंट ने हिम्मत दिखा कर आग लगे हुए तारों को हाथ से पकड़ कर हटाया और आग पर काबू पाया, जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया. इस दौरान अटेंडेंड के हाथ आंशिक रूप से जल भी गए.

3. बंगला साहिब गुरुद्वारा में किसानों को लंगर बांट निभाया जा रहा है इन्सानियत का धर्म

तमिलनाडु से कर्ज़ माफ़ी की उम्मीद में दिल्ली आये धरना प्रदर्शन करने वाले किसानों को बंगला साहिब की ओर से लंगर पहुंचाया जाता है. बंगला साहब, करीब तीन महीने से लंगर बांट रहा है. तमिलनाडु ने पिछले 60 सालों में सबसे भयंकर सूखा इन दिनों देखा है. तमिलनाडु के किसान कर्ज़ में पूरी तरह डूब चुके हैं, लेकिन सरकार इनकी ओर से बेसुध है.

4. छत से फेंके गए Dog की जान बचायी

वो Dog, जिसे कुछ निर्दयी लोगों ने छत से फेंक दिया था, ज़िंदा है. उसे बचाने वाले श्रवण कृष्णन ने इस Dog को ‘भद्रा’ नाम दिया है. Dog को छत से फेंकने का ये वीडियो बहुत वायरल हुआ था और लोगों में ऐसा करने वाले दरिंदों के लिए गुस्सा भी था. लेकिन श्रवण जैसे लोगों ने इंसानियत को कायम रखते हुए Dog को बचा कर उसे दोबारा नयी ज़िन्दगी दे दी.

5. डूबते लोगों को बचाने वाला लड़का

‘Humans of Bombay’ पेज ने एक लड़के की कहानी शेयर की थी, जिसने एक डूबती हुई बच्ची को बचाया. जब बच्ची डूब रही थी, तो वहां करीब 100 लोगों की भीड़ तमाशबीन बन कर खड़ी हुई थी. ऐसे में उसने पानी में छलांग लगा कर बच्ची की जान बचा ली.

6. Puppy को बचाने के लिए बीच सड़क पर कैब रोक, फ़रिश्ते की तरह पहुंचा ड्राइवर

Ola कैब की एक पैसेंजर कोरल ने बताया कि वो कैब से जा रही थीं, तभी सड़क किनारे जख़्मी कुत्ते को देख कर उनके ड्राइवर ने बीच सड़क पर गाड़ी रोक दी. वो कुत्ते को अपने साथ लाया और कार से पानी की बोतल निकाल कर पानी पिलाया. इस बीच पीछे ट्रैफ़िक लग गया और लोग भला-बुरा कह कर आगे निकल गए. OLA कंपनी के अधिकारियों के पास जब ये ख़बर पहुंची, तो उन्होंने भी ड्राइवर को सम्मनित किया और ट्विटर पर उसकी तस्वीर शेयर की.

7. RPF ऑफ़िसर ने करायी बच्चे की डिलीवरी

महाराष्ट्र के ठाणे रेलवे स्टेशन पर 24 साल की एक महिला ने बेटे को जन्म दिया. मीनाक्षी जाधव अपने पति संदेश जाधव के साथ ठाणे के रेलवे स्टेशन पहुंची. मीनाक्षी घाटकोपर के एक अस्पताल जाने के लिए लोकल ट्रेन का इंतज़ार कर रही थी कि अचानक मीनाक्षी को लेबर पेन शुरू हो गया. मौके पर मौजूद RPF ऑफ़िसर, शोभा मोठे ने हिम्मत से काम लेते हुए, अन्य महिलाओं की मदद से मीनाक्षी की डिलावरी कराई और कुछ ही मिनटों में हज़ारों की भीड़-भाड़ वाला, रेलवे स्टेशन बच्चे की किलकारियों से गूंज उठां.

8. फ़ेसबुक की मदद से 82 साल के लापता बुज़ुर्ग को पहुंचाया घर

सोशल मीडिया की मदद से एक 82 वर्षीय व्यक्ति को उसका खोया हुआ परिवार मिल गया है. 82 वर्षीय रावेल सिंह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, लेकिन लौटते वक़्त अपने घर का रास्ता ही भूल गए. मोहित अग्रवाल की नज़र उन पर पड़ी, वो ठण्ड के कारण कुछ बोल नहीं पा रहे थे. मनीष उनके लिए कुछ गर्म कपड़े और खाना लेकर आये. मनीष ने पुलिस की मदद ली, पुलिस वालों के कहने पर मोहित ने उनको अपने घर में शरण दी. जब उन्होंने अपने बारे में कुछ बताया, मोहित ने पूरी जानकारी फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए शेयर की और मदद मांगी. रावेल सिंह के बेटे दलजीत सिंह ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस पोस्ट के ज़रिये उनके पिता उन्हें वापस मिल गए.

9. तीन ट्रांसजेंडर्स की मदद से एक महिला ने दिया चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म

Thiruvananthapuram-Guwahati Super Fast Express में सवार एक 25 वर्षीय गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. ऐसी स्थिति में ट्रेन में मौजूद तीन ट्रांसजेंडर्स ने उनकी सहायता की. महिला ने चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया. बाद में जब ट्रेन Katpadi रेलवे स्टेशन पहुंची, तो नवजात बच्चे और उसकी मां को एम्बुलेंस के ज़रिये Government Medical College Hospital, Vellore ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने बताया कि मां और बच्चा दोनों ठीक हैं.

10. 79 साल के ओमकारनाथ ज़रूरतमंदों को बांटते हैं दवाइयां

आंकड़ों की मानें, तो भारत के 40 प्रतिशत लोग आधुनिक दवाइयों को सिर्फ़ इसलिए नहीं खरीद पाते क्योंकि उनकी कीमतें बहुद ज़्यादा होती हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में भी मरीज़ों को ये दवाइयां उपलब्ध नहीं करवाई जातीं. ऐसे में 79 वर्षीय ओमकारनाथ शर्मा उर्फ़ ‘मेडिसन बाबा’ गरीबों के लिए मसीहा का काम करते हैं. वो उन लोगों को मुफ़्त दवाइयां देते हैं जो पैसों की कमी के कारण दवाइयां नहीं ख़रीद पाते.

अगर दुनिया में इन लोगों जैसे ही लोग हों, तो शायद किसी भाई को अपनी बहन की रक्षा के लिए चिंतित न होना पड़े और हर कोई इस दुनिया में इंसानों के बीच खुद को सुरक्षित महसूस करे.