A Soldier Who Takes Part In Ramleela Every Year: हर साल दशहरा धूम-धाम से पूरे देश में मनाया जाता है. इस दौरान रामलीला का आयोजन किया जाता है. भारत के हर गांव, कस्बे, शहर में छोटे-बड़े पैमाने पर लोग इसे त्यौहार की तरह मनाते हैं. लेकिन उत्तराखंड के डांडा नैनीताल में भारतीय सेना का ये जवान, अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर केवल रामलीला के लिए बॉर्डर से अपने गांव आता है. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताते हैं, वो ये सब कैसे मैनेज करते हैं.

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14 साल से छुट्टी लेकर रामलीला में भाग लेने आते हैं

कपिल बिष्ट भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात रहते हैं. उत्तराखंड डांडा नैनीताल के वासी अपनी सभय्ता और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बॉर्डर से अपने गांव में रामलीला में काम करने आते हैं. कपिल बिष्ट पिछले 14 सालों से रामलीला में भाग लेते आ रहे हैं. साथ ही वो पहले रामलीला में मेघनाथ, सखी, हनुमान, अहिरावण का किरदार निभाते हैं. लेकिन दर्शकों को उनका रावण किरदार बहुत ही ज़्यादा अच्छा लगता है. नैनीताल ठंडे इलाकों में आता है. लेकिन तब भी लोग उन्हें देखने के लिए दूर से आते हैं.

रामलीला के लिए 30 दिन की छुट्टी लेते हैं

उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि वो भारतीय सेना में पिछले 3 साल से हैं. 21 वर्ष की आयु में कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल हैं और फ़िलहाल वो अमृतसर बॉर्डर पर काम कर रहे हैं. हर वर्ष वो सिर्फ़ रामलीला में काम करने के लिए 30 दिन की छुट्टी लेते हैं. उन्होंने बताया कि रामलीला का मंचन युवाओं में कॉन्फिडेंस बढ़ाने का काम करता है. इसीलिए सारे युवाओं को इसमें भाग लेना चाहिए.

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