Ayodhya Shri Ram Temple: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी. गर्भगृह में प्रतिष्ठित की जाने वाली प्रभु श्रीराम की प्रतिमा का चयन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया गया. भगवान राम की ये मूर्ति कर्नाटक के जाने-माने मूर्तिकार अरुण योगीराज (Sculptor Arun Yogiraj) ने बनाई है. ये प्रतिमा कर्नाटक के विशेष नीले पत्थर से तैयार की गई है. मूर्ति बनाने के लिए अरुण 6 महीने तक अयोध्या में रहे और प्रतिदिन 12 घंटे काम किया.

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राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की जो प्रतिमा स्थापित की जानी है वो प्रभु श्रीराम के बाल रूप में होगी. 5 साल के प्रभु श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. इस दौरान श्रद्धालुओं को भगवान राम, राजा दशरथ के पुत्र और विष्णु अवतार श्रीराम दोनों रूपों की झलक मिलेगी. क़रीब 8 फ़ीट ऊंची भगवान राम की ये प्रतिमा कमल के फूल पर विराजमान होगी.

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कौन हैं अरुण योगीराज?

रामलला की प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार का नाम अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) है, जो मैसूर महल के शिल्पकारों के परिवार से हैं. 37 वर्षीय अरुण ने साल 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया है. इसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की, लेकिन नौकरी छोड़कर वो चित्रकारी करने लगे. अरुण अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं. उनके पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं, जो गायत्री मंदिर और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए काम कर चुके हैं.

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अरुण योगीराज केवल भगवान राम की प्रतिमा ही नहीं, बल्कि जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण भी कर चुके हैं. ये प्रतिमा केदारनाथ धाम में स्थापित है. मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की मूर्ति भी अरुण ने ही बनाई है.

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आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण योगीराज की प्रतिभा की तारीफ़ कर चुके हैं. दरअसल, इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 30 फ़ीट की मूर्ति अरुण ने ही तराशी थी. अब अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अरुण द्वारा बनाई गई भगवान श्री राम की मूर्ति के चयन के बाद उनके घरवाले भी बेहद ख़ुश हैं.