Countries that changed their name: ऐसी कोई सदी नहीं गुज़री है, जब देशों के नक्शे और नाम ना बदले हों. किसी देश का नाम बदलना उसकी पहचान, संप्रभुता या ऐतिहासिक वजहों से होता है. अक्सर राजनीतिक, सांस्कृतिक या सामाजिक वजहों से ऐसा हुआ है. कारण कोई भी रहा हो, लेकिन बदलाव की प्रक्रिया जारी ही रही है.
आज हम आपको कुछ ऐसे ही देशों का उदाहरण देंगे, जिन्होंने अपने नाम बदले हैं. साथ ही, उन वजहों के बारे में बताएंगे, जिनके चलते ऐसा हुआ.
Countries that changed their name-
1. मैसेडोनिया गणराज्य से उत्तरी मैसेडोनिया
साल 2019 में मैसेडोनिया गणराज्य का नाम बदलकर उत्तरी मैसेडोनिया कर दिया गया. ये बदलाव ग्रीस के साथ लंबे समय से चले आ रहे विवाद की वजह से हुआ, जिसने “मैसेडोनिया” नाम के उपयोग पर आपत्ति जताई थी. क्योंकि उसके पास भी इसी नाम का एक क्षेत्र है. नाम बदलना एक राजनयिक समझौते का हिस्सा था, जिसने उत्तरी मैसेडोनिया को नाटो सदस्य बनने में भी मदद की और दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ. (Countries that changed their name)
2. सीलोन से श्रीलंका
1972 तक इस द्वीप का नाम सीलोन था. मगर इसे बदलकर श्रीलंका कर दिया गया. ये शब्द सिंहली भाषा से लिया गया है. इस बदलाव का उद्देश्य देश की बहुसांस्कृतिक पहचान को प्रतिबिंबित करना और ब्रिटिश शासन के तहत अपने औपनिवेशिक अतीत के साथ जुड़ाव को ख़त्म करना था. सिंहली में श्रीलंका का अर्थ है “शानदार भूमि”, जो देश की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है.
3. बर्मा से म्यांमार
बर्मा के नाम से पहचान रखने वाले दक्षिण पूर्व एशियाई देश का नाम सैन्य प्रशासन ने 1989 में बदलकर म्यांमार कर दिया था. इस परिवर्तन को अंतर्राष्ट्रीय विवाद और विरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि इसे सेना की शक्ति को वैध बनाने के प्रयास के रूप में देखा गया था. मानवाधिकारों के हनन और लोकतांत्रिक परिवर्तन की कमी पर चिंताओं के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कुछ देशों ने देश को बर्मा के रूप में पहचानना जारी रखा.
4. ज़ैरे से डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ द कांगो
1997 में राजनीतिक उथल-पुथल और संघर्षों की एक श्रृंखला के बाद ज़ैरे ने अपना नाम बदलकर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो (डीआर कांगो) कर लिया. इस परिवर्तन ने देश को मोबुतु सेसे सेको के सत्तावादी शासन से दूर करने की कोशिश की, जिसने तीन दशकों से अधिक समय तक तानाशाह के रूप में शासन किया था. नए नाम ने शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली की वापसी पर जोर दिया था.
5. सियाम से थाईलैंड
सियाम का नाम साल 1939 में बदल कर थाईलैंड रख दिया था. उस दौरान वहां राजशासन था. लोकल भाषा में इसको Prathet Thai कहते हैं, जिसका मतलब होता है ‘आज़ाद लोगों का देश‘. ये इस देश में सबसे पहले बसने वालों को ट्रिब्यूट देता है, जिन्होंने इस देश में चीन से आज़ाद होकर शरण ली थी.
6. चेकोस्लोवाकिया से चेक गणराज्य और स्लोवाकिया
1993 में चेकोस्लोवाकिया के विघटन के कारण दो अलग-अलग देशों का निर्माण हुआ. चेक गणराज्य और स्लोवाकिया. ये शांतिपूर्ण अलगाव साम्यवादी शासन के अंत के बाद हुआ और दो जातीय समूहों, चेक और स्लोवाक के बीच अधिक स्वायत्तता और आत्मनिर्णय की इच्छा पर बेस्ड था.
7. तुर्की से तुर्किये
तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने तो ये काम हाल ही में किया था. तुर्की को तुर्किये (Turkiye) के नाम से जाना जाएगा. साल 1923 में पश्चिमी देशों के कब्ज़े से आज़ाद होने के बाद तुर्की को तुर्किये के नाम से ही जाना जाता था. बाद में इसे तुर्की कर दिया गया था. फिर देश के राष्ट्रपति ने देश को संबोधित करते हुए अपने बयान में बताया था कि ‘तुर्किये’ शब्द तुर्की राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बेहतरीन तरीके से दर्शाता है और व्यक्त करता है.
8. रोडेशिया से जिम्बाब्वे
रोडेशिया एक औपनिवेशिक नाम था. 1953 और 1963 के बीच, साउथ रोडेशिया नॉर्थ रोडेशिया और न्यासालैंड के साथ रोडेशिया और न्यासालैंड संघ में शामिल हो गया. अप्रैल 1980 में अपनी आज़ादी के बाद देश को जिम्बाब्वे गणराज्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. फिर इसका नाम बदलकर जिम्बाब्वे कर दिया गया.
9. आयरिश फ़्री स्टेट से आयरलैंड
1937 में U.K. के साथ सभी रिलेशन ख़त्म के लिए आयरिश फ्री स्टेट को आयरलैंड में बदल दिया गया. बता दें, इस देश का यूनाइटेड किंगडम के साथ 2 वर्षों तक भीषण युद्ध चला था.
10. हॉलैंड से द नीदरलैंड्स
जनवरी 2020 में हॉलैंड की सरकार ने अपने देश का नाम बदलकर द नीदरलैंड्स रखने का फ़ैसला किया था. इसके दो क्षेत्र हैं- साउथ हॉलैंड और नॉर्थ हॉलैंड. इसके पीछे की वजह मार्केटिंग मूव बताई गई थी. इस परिवर्तन का एक कारण नीदरलैंड को एक खुले, आविष्कारशील और समावेशी देश के रूप में प्रस्तुत करना भी बताया गया था.
11. चेक गणराज्य से चेकिया
चेक गणराज्य को अप्रैल 2016 से चेकिया के नाम से जाना जाने लगा. ये मध्य यूरोप का एक देश है, जिसे पहले ‘बोहेमिया’ के नाम से भी जाना जाता था. नाम को बदलने का फ़ैसला कंपनियों के विपणन प्रयासों के एक भाग के रूप में और दुनिया के बाकी हिस्सों में खेल आयोजनों में देश के नामकरण की सुविधा के लिए लिया गया था. हालांकि, इसका ऑफ़िशियल नाम चेक गणराज्य ही रहेगा. लेकिन इसका शॉर्ट ऑफ़िशियल नाम चेकिया रख दिया गया है.
12. सियाम से थाईलैंड
सियाम का नाम साल 1939 में बदल कर थाईलैंड रख दिया था. उस दौरान वहां राजशासन था. लोकल भाषा में इसको Prathet Thai कहते हैं, जिसका मतलब होता है ‘आज़ाद लोगों का देश‘. ये इस देश में सबसे पहले बसने वालों को ट्रिब्यूट देता है, जिन्होंने इस देश में चीन से आज़ाद होकर शरण ली थी.
बता दें, इस समय India की जगह भारत नाम को इस्तेमाल करने के लिए बीजेपी सरकार को विपक्ष घेर रहा है. दरअसल, G20 Summit इस बार भारत में हो रहा है. विदेशी मेहमानों को डिनर पर इनवाइट करने के लिए राष्ट्रपति ने रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया की जगह ‘रिपब्लिक ऑफ़ भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया है.
साथ ही, जी 20 सम्मलेन के फ़ौरन बाद ही केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सत्र में केंद्र देश का नाम India के बजाए भारत रखने का प्रस्ताव रख सकता है.
ये भी पढ़ें: Nigar Shaji: कौन हैं ये महिला वैज्ञानिक, जिनके कंधों पर थी सूर्य मिशन आदित्य-L1 की ज़िम्मेदारी?