भारत में G20 Summit बेहद सफल रहा. ‘दिल्ली घोषणापत्र’ को सभी सदस्य देशों ने बिना किसी विरोध के स्वीकार कर लिया. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि नई दिल्ली में 18वें नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपनाई गई जी20 घोषणा पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की एक टीम को “200 घंटे से ज़्यादा लगातार बातचीत” करनी पड़ी. (G20 Summit Brilliant officers who worked on New Delhi Declaration)

G20 Summit In Delhi
moneycontrol

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर मतभेद को दूर कर दिल्ली घोषणापत्र पर जी20 की सर्वसम्मति हासिल करने में दो सौ घंटे की लगातार बातचीत, 300 द्विपक्षीय बैठकें और 15 मसौदे लगे. अमिताभ कांत ने इसे शेयर करते हुए शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी टीम के दो सदस्यों के कड़े परिश्रम की सराहना की. उन्होंने इसका क्रेडिट नागराज नायडू कानकुर और ईनम गंभीर को दिया.

ऐसे में आइए जानते हैं इन दो ज़बरदस्त अधिकारियों के बारे में-

कौन हैं ईनम गंभीर?

जी20 समिट की मुख्य काम में लगी भारतीय राजनयिकों की टीम में ईनम गंभीर इकलौती महिला हैं. वो 2005 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं और वर्तमान में जी20 और विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली में संयुक्त सचिव के रूप में काम कर रही हैं. वो पहले भी कई अहम ज़िम्मेदारियां निभा चुकी हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के अध्यक्ष के कार्यालय में शांति और सुरक्षा मुद्दों पर वरिष्ठ सलाहकार की भूमिका शामिल है.

Who is Eenam Gambhir

गंभीर ने मैक्सिको और अर्जेंटीना जैसे लैटिन अमेरिकी देशों में भारतीय दूतावासों में भी काम किया है और उनकी स्पेनिश भाषा पर अच्छी पकड़ है. गंभीर ने 2011 से 2016 तक नई दिल्ली में काम करते हुए भारत के पड़ोस विशेष रूप से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से संबंधित मुद्दों को भी संभाला है. उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में भी काम किया और जून 2019 तक राजनीतिक और शांति और सुरक्षा मुद्दों को कवर किया.

ईनम ने दो बार पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय से साइंस इन मैथेमेटिक्स और एडवांस इंटरनेशनल सिक्योरिटी में पोस्ट ग्रेजुएट.

कौन हैं नागराज नायडू कानकुर?

Who is Nagaraj Naidu Kakanur
un

नागराज नायडू काकानूर 1998 बैच के आईएफएस हैं और वो अभी संयुक्‍त सचिव की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं. नायडू ने जी-20 की भारतीय टीम को चाइनीज़ स्‍पीकर के रूप में लीड किया है. उन्होंने चीन में रहकर अपनी सर्वसेज़ दी हैं. इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय के आर्थिक कूटनीति प्रभाग की जिम्मेदारी संभाली है. नायडू यूरोप और वेस्‍ट डिवीज़न के इंचार्ज रह चुके हैं. साथ ही, 7 देशों के साथ संबंधों के प्रमुख की ज़िम्‍मेदारी निभा चुके हैं.

काकनूर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष के शेफ डी कैबिनेट के रूप में भी काम किया है. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में लौटने के बाद नायडू ने 2015 से 2017 तक विदेश मंत्रालय में आर्थिक कूटनीति प्रभाग के संयुक्त सचिव/महानिदेशक के रूप में कार्य किया.

काकनूर ने फ्लेचर स्कूल ऑफ़ लॉ एंड डिप्लोमेसी से कानून और कूटनीति में पोस्ट ग्रेजुशन किया है.

क्या है दिल्ली घोषणापत्र?

दिल्ली घोषणापत्र विश्व के भविष्य की तस्वीर बनाने का प्रयास है. इसमें आतंकवाद से लेकर परमाणु हमले की धमकी, महंगाई से लड़ने की अपील के साथ-साथ विकासशील देशों को आगे बढ़ाने की बात कही गई है. इसके साथ-साथ सभी देशों को यूएन चार्टर के मुताबिक काम करने की अपील की गई है और कहा गया है कि आज का युग युद्ध का नहीं है.

दुनियाभर में शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करने की बात कही गई है. नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया गया है. जी20 घोषणापत्र मज़बूत सतत समावेशी विकास पर केंद्रित है. इसमें हरित मार्ग की परिकल्पना की गई है. जी20 की अध्यक्षता का संदेश एक ‘पृथ्वी है, एक कुटुम्ब है और एक भविष्य’ बताया गया है.

साथ ही कई दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर भी बात की गई है. ताकि विकास को सतत और समावेशी बनाया जा सके और लैंगिंग भेदभाव को ख़त्म किया जाए.

ये भी पढ़ें: कभी कूड़ेदानों को सजाते थे… अब G20 के लिए सजाई दिल्ली की दीवारें, जानिए कौन हैं आर्टिस्ट योगेश सैनी