IIT Graduates Who Became Monks: भारत में इंजीनियरिंग का ऐसा बोल-बाला है कि लोग सोचते हैं कि एक बार वो बढ़िया इंजीनियर बन जाएं तो पूरी दुनिया जीत लेंगे. फिर पैसा ही पैसा, बंगला-गाड़ी. लाइफ़ मस्त सेट. मगर कुछ लोगों का तय मंज़िल को पाना मुक़ाम नहीं, अगले सफ़र का आगाज़ होता है. एक ऐसा सफ़र जो दुनिया की मंज़िलों से आगे होता है और आध्यात्म की पगडंडी से होकर ही वहां पहुंचा जा सकता है.

IIT Graduates Who Became Monks
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यही वजह है कि कुछ IIT ग्रेजुएट्स इंजीनियरिंग छोड़ कर आध्यात्म की दुनिया में पहुंच गए. ये लोग लाखों की नौकरी छोड़ संन्यासी बन गए. और अब और दूसरों को भी आध्यात्म की राह पर चलने के लिए कह रहे हैं.

IIT Graduates Who Became Monks

1. गौरांग दास

Gauranga Das Prabhu
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गौरांग दास प्रभु भारत के जाने-माने आध्यात्म गुरु हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर समाज में अपना योगदान दिया है और विभिन्न मंचों पर इस्कॉन की शिक्षाओं को बढ़ावा दिया है. इस्कॉन, मुंबई से जुड़े गौरांग दास प्रभु IIT ग्रेजुएट हैं. उन्होंने मुंबई आईआईटी से साल 1989 से 1993 के बीच Metallurgical Engineering की थी. 1993 में वो इस्कॉन से जुड़ कर साधु बन गए.

2. स्वामी मुकुंदानंद

Swami Mukundananda
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स्वामी मुकुंदानंद आध्यात्म की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम हैं. वो टेक्सास में कृपालुजी योग के संस्थापक हैं. उन्होंने IIT दिल्ली से BTech किया था और फिर IIM कोलकाता से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. अब वो एक आध्यात्मिक गुरु, लेखक, वेदों के ज्ञाता के तौर पर फ़ेमस हैं. वो लोगों को द साइंस ऑफ़़ माइंड मैनेजमेंट के बारे में समझाते हैं.

3. रसनाथ दास

Rasanath Das
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रसनाथ दास IIT और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रहे हैं. उन्होंने ग्रेजुएशन आईआईटी से और पोस्ट ग्रेजुएशन कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से किया. साल 2007 में वो मठ चले गए.

4. संकेत पारेख

Sanket Parekh
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संकेत पारेख IIT बॉम्बे के पढ़े हैं. उन्होंने कैमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. उनका प्लान था कि वो अमेरिका से पोस्ट ग्रेजुएशन करेंगे. मगर जनवरी, 2023 को वो मुंबई के बोरीवली में एक समारोह के दौरान भिक्षु बन गए.

5. अविरल जैन

Aviral Jain
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अविरल जैन IIT BHU के पढ़े हैं. उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. साल 2019 में उन्होंने जॉब छोड़ दी और संन्यासी बन गए.

6. संदीप कुमार भट्ट

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IIT दिल्ली के गोल्ड मेडलिस्ट छात्र संदीप कुमार भट्ट भी इंजीनियिंग छोड़ कर आध्यात्म की दुनिया में पहुंच गए. उन्होंने साल 2002 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया. वे बीटेक गोल्ड मेडलिस्ट रहे. 2004 में एमटेक की डिग्री ली. साल 2004 से 2007 के बीच Larsen & Toubro में बतौर मैनेजर नौकरी की. लेकिन, फिर सबकुछ छोड़ कर उन्होंने संन्यासी जीवन चुनने का फैसला किया.

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