न तो पढ़ने-सीखने की कोई उम्र होती है और न ही ज़िंदगी की नयी शुरुआत करने की. आज हम जिस बेंगलुरु ऑटो ड्राइवर की कहानी आपके साथ शेयर कर रहे हैं, वो इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं. भास्कर नाम के 50 वर्षीय इस ऑटो ड्राइवर ने 37 साल के गैप के बाद बाद एक बार फिर से पढ़ना शुरू कर दिया. (Bengaluru Auto Driver Resumes Studies After 37 Year Break)
1985 में छोड़ दी थी पढ़ाई
Bengaluru Auto Driver Inspiring Story: निधि अग्रवाल नाम की ट्विटर यूज़र ने ऑटो ड्राइवर की फ़ोटो शेयर के साथ उनकी इस नयी जर्नी के बारे में बताया. निधि ने बताया कि साल 1985 में भास्कर ने 10वीं की थी. उसके बाद पढ़ाई छोड़ दी.
ज़िंदगी की दौड़-धूप में उन्हें समय ही नहीं मिला कि वो अपने सपनों पर भी काम कर सकें. परिवार को संभालने के लिए कम उम्र से ही काम करने लगे. आज ऑटो चलाते हैं, ताकि घर चल सके. मगर सब कुछ चलने के बीच उनके मन में अपना पुराना सपना ठहरा ही रहा.
मगर अब 37 साल बाद एक बार उन्होंने उसे पूरा करने का इरादा कर लिया. उन्होंने पढ़ाई शुरू की है. प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (PUC) के लिए अंग्रेज़ी का एग्ज़ाम दिया है.
दिन-रात मेहनत के बाद भी पढ़ने की कोशिश
भास्कर के बारे में सबसे दिलचस्प बात ये है कि उनका इरादा पढ़कर किसी नौकरी में जाने का नहीं है. जैसे कि ज़्यादातर लोगों का होता है. बल्कि, भास्कर की पढ़ने की इच्छा ख़ुद की पर्सनल ग्रोथ पर बेस्ड है. एक सपना है, जिसे उम्र की दीवारों के पीछे अधूरा छोड़ा नहीं जा सकता है. यही वजह है कि वो दिन-रात ऑटो चलाते हैं. बेइंतिहा थकने के बावजूद जब भी समय मिलता है, पढ़ते हैं.
ऑटो ड्राइवर भास्कर का अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू करने का फैसला इसलिए भी बेहद इंस्पायरिंग है क्योंकि, उन पर दो बच्चों की ज़िम्मेदारी भी है. जो अभी तीसरी और छठीं क्लास में पढ़ते हैं.
काम, घर-परिवार की ज़िम्मेदारी के बीच उन्होंने जिस तरह से अपनी पढ़ाई शुरू की है, वो वाक़ई क़ाबिले-तारीफ़ है.
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