Israel–Hamas War: इज़रायल-हमास युद्द शुरू हुए दो हफ़्तों से ज़्यादा का वक्त गुज़र गया है. जंग अभी भी जारी है. इज़रायल ने साफ़ कर दिया है कि जब तक हमास को मिटा नहीं देगा, वो शांत नहीं बैठेगा. इस युद्ध में अब तक दोनों ही तरफ़ से 6000 से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. गाज़ा पट्टी पर लगातार बमबारी जारी है. इस बीच इज़रायली सेना के बेडौइन सैनिकों के नाम काफ़ी सुर्खियों में है. ‘बदू’ समुदाय के ये सैनिक अरबी मुसलमान हैं. (Bedouin Arab Muslim in Israeli Army)
आइए जानते हैं कि कौन हैं ‘बदू’ अरब मुसलमान (Bedouin Arab Muslim) जो हमास के ख़िलाफ़ इज़रायल की ओर से लड़ रहे हैं-
कौन हैं ‘बदू’ मुसलमान?
दौर था 16वींं सदी का, उस वक़्त इज़रायल के इलाके पर तुर्की हुकूमत का कब्ज़ा था. ओटोमन साम्राज्य के आखिरी सालों में कुछ बेडौइन अरब मुसलमान खानाबदोश की ज़िंदगी छोड़कर इज़रायली इलाकों में बस्ती बनाकर रहने लगे. 50 के दशक में जब इज़रायल एक मुल्क़ के रूप में वजूद में आया, तब यही बदू मुसलमान यहूदियों के घरों और दुक़ानों की सुरक्षा के लिए गार्ड की नौकरी करने लगे. कुछ उनके खेतों में भी काम करने लगे.
कैसे हुई ‘बदू’ मुसलमानों की इज़रायली सेना में एंट्री?
बदू मुसलमान काफ़ी मजबूत और ईमानदार माने जाते हैं. उन्होंने अपनी वफ़ादारी को साबित भी किया था. दरअसल, साल 1948-49 में जब इज़रायल और अरब मुल्क आमने-सामने आए, तब बदू अरब मुसलमान ही थे, जिन्होंने इज़रायली आर्मी को तमाम खुफिया जानकारी मुहैया कराई थी.
फिरजबब इजरायल डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (IDF) का नया-नया गठन हुआ था, तो तमाम बदू अरब मुसलमान IDF की तरफ से युद्ध के मैदान में उतरे.
बदू मुसलमान चूंकि नेगेव रेगिस्तान में रहते थे, जहां उन्हें कोई सुविधा नहीं थी. मगर जब वो IDF में शामिल हुए थे उनके पास बिजली-पानी जैसी सारी सुविधाएं मिलने लगीं.
इसके बाद इज़रायल ने दक्षिणी हिस्से में भी सेना की एक टुकड़ी तैयार की. ये गाज़ा पट्टी के क़रीब का इलाका था. साल 1986 में इसमें भी बदू मुस्लिमों की भर्ती हुई. इज़रायल के लगभग सभी सीमावर्ती इलाकों की सेना में ये मुस्लिम भी काम कर रहे हैं. साल 2003 में IDF ने एक स्पेशलाइज्ड सर्च और रेस्क्यू यूनिट बनाई, जिसमें ज़्यादातर बेडौइन अरब ही हैं और ये बॉर्डर इलाकों तैनात है.
अपनी मर्ज़ी के मालिक हैं बदू मुसलमान
इज़रायल में यहूदियों के लिए आर्मी ट्रेनिंग अनिवार्य है. स्कूल ख़त्म होने के बाद हर यहूदी इज़रायली नागरिक को ट्रेनिंग लेनी होती है. हालांकि, इस नियम से बदू मुसलमानों को छूट है. ट्रेनिंग लेना ना लेना, उनकी अपनी मर्ज़ी पर है. हालांकि, पीढ़ियों से वो सेना में काम कर रहे हैं तो बड़ी संख्या में वो अभी भी प्रशिक्षण लेते हैं.
2021 में करीबन 600 बेडौइन अरब ने मिलिट्री ट्रेनिंग के लिए रजिस्टर करवाया था. ये अपने आप में रिकॉर्ड था. क़रीब 2 लाख बदू मुसलमान इज़रायल में हैं. हालांकि, सेना में इनकी संख्या कितनी है, इससे जुड़े सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
ये भी पढ़ें: एली कोहेन: वो इज़रायली जासूस, जो सीरिया समेत 5 देशों की हार का बना कारण