Kamlesh Sharma Important Role in Chandrayaan 3 : चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) ने 23 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करके इतिहास रच दिया. इसको लेकर पूरे देश में ख़ुशी की लहर है. विक्रम लैंडर ने शाम 6.04 बजे (आईएसटी) पर सॉफ्ट लैंडिंग की, जिससे चार साल पहले चंद्रयान-2 लैंडर की क्रैश-लैंडिंग से हुई निराशा समाप्त हो गई. मिशन की सफ़लता के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अज्ञात क्षेत्र में अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है.

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चंद्रयान-3 में जिन 12 लोगों का सबसे अहम रोल है, उनमें से एक गाज़ीपुर के रेवतीपुर गांव में रहने वाले कमलेश शर्मा (Kamlesh Sharma) भी हैं. कमलेश इससे पहले मंगलयान की लैंडिंग में भी महत्वपूर्ण रोल निभा चुके हैं. इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी भी उन्हें बधाई दे चुकी है. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं.

कहां से हुई प्रारंभिक शिक्षा?

ग्राम प्रधान राकेश राय के मुताबिक, कमलेश शर्मा बचपन से ही पढ़ाई में काफ़ी अच्छे रहे हैं और वो मैथमेटिक्स के जानकार थे. उनकी शुरुआत की शिक्षा गांव में हुई है. उनका रेवतीपुर गांव में परिवार है और वो परिवार की ख़ुशियां मिल-जुलकर मना रहे हैं. उनके पिता अधिवक्ता हैं और मौजूदा समय में वो लखनऊ में रह रहे हैं. इसके अलावा उनके गांव में हवन-पूजन भी किया गया. साथ ही मां भगवती से भी ये कामना गई कि वो चंद्रयान-3 पर सफ़लतापूर्वक लैंडिंग करें.

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कई मिशन का रह चुके हैं हिस्सा

पिछले क़रीब 10 सालों में कमलेश कई सैटेलाइट मिशन का हिस्सा रह चुके हैं. इसमें हैमसैट, कार्टोसैट-2ए, इंडिया और फ्रांस के ज्वाइंट वेंचर सेटेलाइट, मेघा ट्रोपिक-1, मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान), कार्टोसैट-1, ओशनसैट-2, हैमसैट, कार्टोसैट-2ए, इंडिया और फ्रांस के ज्वाइंट वेंचर सेटेलाइट के सफ़ल प्रक्षेपण में अहम भूमिका रही है. बेंगलुरु के इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इसट्राक) में मंगलयान की सफ़लता पर कमलेश को पीएम मोदी द्वारा शाबाशी भी दी गई थी. (Kamlesh Sharma Important Role in Chandrayaan 3)

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उनके गांव के स्कूलों में दिखा ग़जब का उत्साह

कमलेश के गाजीपुर के रेवतीपुर गांव में भी भारी खुशी देखने को मिल रही है. गाजीपुर के रेवतीपुर में नेहरू विद्यापीठ इंटर कॉलेज के छात्रों में गजब का उत्साह आज देखने को मिला. एक मीडिया को दी गई बाईट में वहां के छात्रों ने बताया कमलेश शर्मा हम लोगों के चाचा लगेंगे. हम लोगों ने उन्हें भले ही ना देखा हो लेकिन आज जो उन्होंने काम किया है, उससे आज हमारे गांव का नाम पूरे भारत के लोग जान पाएंगे.

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