Success Story: संघर्ष करने का हौसला हो तो सफ़लता हर हाल में मिलती है. फिर चाहें ज़िंदगी कितनी ही परेशानियों से घिरी क्यों न हो. आंध्र प्रदेश की रहने वाली साके भारती इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं. एक दिहाड़ी मज़दूर महिला, जिन्होंने हाल ही में पीएचडी की डिग्री हासिल की है. भारती ने दिहाड़ी मज़दूरी करते हुए ये कामयाबी हासिल की. (Labour Lady Complete PhD)
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/08/2486fcf0-3074-11ee-8f52-fbf70e4bf742.jpg)
आइए जानते हैं साके भारती की शानदार सफ़लता की कहानी-
कम उम्र में हुई शादी, मगर नहीं छोड़ा पढ़ना
Dr. Sake Bharathi Success Story: भारती के पिता शराब के लती थे. वो उनको पढ़ाते नहींं थे. ऐसे में एक दिन नाना आकर भारती को ले गए. उन्होंने ही भारती को पढ़ाया. बचपन में गरीबी ने उनकी पढ़ाई में तमाम अड़चनें खड़ी कीं. भारती की 10वीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से पूरी हुई और इसके बाद पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उनकी शादी कर दी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-09-124316.png)
भारती शादी नहीं करना चाहती थीं, मगर वो कुछ न कर सकीं. लेकिन उन्होंने पढ़ना नहीं छोड़ा. लोगों ने ताने भी दिए कि अब क्या करोगी पढ़ कर. मगर भारती ने किसी की नहीं सुनी. वो दिहाड़ी मज़दूरी के साथ पढ़ाई भी करती रहीं. उनके पति ने भी भारती का साथ दिया.
इसी दौरान वो मां भी बनीं, फिर भी पढ़ाई नहीं छोड़ी. भारती को पढ़ना था सो उन्होंने न सिर्फ़ घर संभाला बल्कि खेतों में मज़दूरी की. बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्होंने काम और पढ़ाई को जारी रखा और इस सबके साथ अनंतपुर के SSBN कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन पूरा किया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-09-124436.png)
दिन-रात ख़ुद को पढ़ाई में झोंक दिया
जब रात में दुनिया थक कर सो जाती तो भारती अपने सपनों को साकार करने में लग जाती थीं. सुबह जल्दी उठकर घर का काम करने के बाद वो कई किलोमीटर पैदल चल कर और फिर बस से कॉलेज जाती थीं.
घर आकर वो मज़दूरी करने चली जाती थीं. अपने शिक्षकों के कहने पर उन्होंने पीएचडी में दाखिला लिया. शिक्षकों ने भी उनका हौसला बढ़ाया. भारती की मेहनत रंग भी लाई. उन्होंने अब केमेस्ट्री में पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली है. भारती अब कॉलेज की प्रोफ़ेसर बनना चाहती हैं. साथ ही, अपनी बेटी को वो एक डॉक्टर बनाना चाहती हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-09-124521.png)
भारती के पति शिव प्रसाद कहते हैं, ‘मेरी पत्नी की पढ़ाई कोई रातों-रात हुआ करिश्मा नहीं है. उसने 20 साल तक कड़ी मेहनत की है.’
वाक़ई, भारती ने साबित कर दिया कि गरीबी या हालात शिक्षा में बाधा नहीं बन सकते हैं. भारती की सफलता की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है.
ये भी पढ़ें: वृंदावन की ये लव स्टोरी है ख़ास, रूस की यूना को भारत के राज से हुआ प्यार, शादी के बाद बन गए गौ सेवक