Life of ISRO Employees : जब चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद पर 23 अगस्त 2023 को लैंड हुआ, तब ये ख़ास तौर पर वैज्ञानिकों और पूरे देश के लिए एक स्पेशल मोमेंट था. इसके पीछे ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स की कड़ी मेहनत थी. ये देश में एक क्षेत्र के रूप में विज्ञान के लिए भी बहुत अच्छी बात है. इसके बाद से ही लोगों में ये बात जानने की भी उत्सुकता है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में इन वैज्ञानिकों का काम और उनकी लाइफ़ कैसी होती है.
ये नौकरी हममें से बहुतों को आकर्षित करती है, और इसरो जैसे संगठन में काम करना निश्चित रूप से आशाजनक लगता है. एक वर्कप्लेस का कल्चर और उसके वातावरण को वहां के कर्मचारियों से अच्छा और कौन बता सकता है. तो आइए हम आपको ISRO के कर्मचारियों के उनके वर्कप्लेस पर काम करने का एक्सपीरियंस बता देते हैं, जो उन्होंने Quora पर शेयर किया है.
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1- “हमारे पास प्रमोशन के एक सिस्टम है, जिसे DPC (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमिटी) कहा जाता है. ये एक इंडिपेंडेंट पैनल, जो आपके काम का मूल्यांकन करता है. आइडियली आपका प्रमोशन इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि कितनी ऊंची पोस्ट्स अवेलेबल है. लेकिन ISRO के बाहर जॉब स्विच करना प्राइवेट सेक्टर जितना आसान नहीं है.” – अरुण कृष्णकुमार, 2016
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2- “आपकी शुरुआती बेसिक सैलरी 56,100 रुपए से होती है. बेसिक सैलरी के अलावा महंगाई भत्ता मिलता है (जो अभी इस समय 0% है), जो हर 6 महीने या एक साल में 7% बढ़ता है. इसके अलावा आपको उचित मकान के किराए का भत्ता (HRA) और ट्रैवल भत्ता (TA) मिलेगा, जो शहर दर शहर अलग हो सकता है. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस क्लास के शहर में काम कर रहे हैं. शहर के आधार HRA आपकी मूल सैलरी से 10-20% का हो सकता है. यही बात TA के लिए भी लागू होती है.” – यश गुहा, 2020
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3- “आप 9-10 घंटे ऑफ़िस में और एक घंटा यात्रा में बिताएंगे. ऑफ़िस के 9 घंटे के अंदर आपको दो टी ब्रेक और एक लंच ब्रेक मिलता है. आप ख़ुद के बैच के नए दोस्त बनाएंगे और सीनियर्स भी आपको दोस्त की तरह ही ट्रीट करते हैं. ज़्यादातर समय हफ़्ते में दो छुट्टियों की गारंटी होती है, सिवाय उस टाइम के जब आपका प्रोजेक्ट लॉन्च होने वाला होता है और काम पीक पर होता है. अगर एडवांस में आपने अपनी छुट्टियां अच्छे से प्लान कर ली हैं, तो वो ज़्यादातर दे दी जाती हैं.”- अविनाश हिंदुजा, 2019
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4- “मैं जोधपुर में ISRO के रिमोट सेंसिंग सेंटर में 2 महीने से बतौर रिसर्च इंटर्न काम कर रहा हूं. सच कहूं, तो मुझे लगता है काम करने के लिए ये सबसे प्रतिष्ठित नौकरी है. एक वैज्ञानिक/इंजीनियर होने के नाते, आप सिर्फ़ अपने लिए और अपनी फ़ैमिली के लिए नहीं काम कर रहे, आप अपने रिसर्च वर्क से देश की सेवा कर रहे हो. दूसरे IT इंजीनियर्स के विपरीत, आप कई रिसर्च प्रोजेक्ट्स में काम करेंगे, कई सरकारी मीटिंग्स अटेंड करेंगे, दूसरे वैज्ञानिकों के साथ काम करेंगे और अपने कूल आइडियाज़ को कॉलेज अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स के साथ अमल करेंगे. सैलरी भी काफ़ी डीसेंट होती है. आप हफ़्ते में सिर्फ़ 8 घंटे और 5 दिन काम करते हैं.”- परमप्रीत सिंह, 2016
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5- “आपको अन्य केंद्रीय सरकारी विभागों की तरह पूरे भारत में बंद नहीं किया जाएगा. आपकी परफॉरमेंस के समय-समय पर रिव्यूज़ होंगे और अगर आप अच्छे पाए गए, तो आपको प्रमोट कर दिया जाएगा, लेकिन ज़्यादातर आप सेम डिपार्टमेंट में काम करना जारी रखेंगे जब तक आप टॉप मैनेजमेंट में प्रमोट नहीं हो जाते.”- जयकुमार चंद्रशेखरन, 2020
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6- “सरकारी छुट्टियों (एक साल में 15-17) के अलावा आपको 10 कैजुअल छुट्टियां और 30 अर्जित छुट्टियां मिलेंगी. मेडिकल छुट्टियां अलग होती हैं. फ़ीमेल कर्मचारी को 6 महीने की मैटरनिटी लीव और दो साल की फुल पेड चाइल्ड केयर लीव मिलती है. लेकिन अगर आपको लगता है कि हम सेम सरकारी रिलैक्स तरीक़े से काम करते हैं, तो ऐसा नहीं है. लोग टाइम पर ऑफिस आते हैं, ज़्यादातर लोग के काम करने के घंटे बढ़ जाते हैं. किसी टेस्टिंग और लॉन्च के समय हम 24 घंटे काम करते हैं.” – सबरी श्रीकुमार, 2020
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7- “आपका करियर काफ़ी हद तक आपके बॉस पर डिपेंड करता है. आप हमेशा अच्छे बॉस की उम्मीद करिए. अच्छाई टर्म व्यक्ति विशेष है और उनकी काम से उम्मीदों के आधार पर व्यक्ति दर व्यक्ति बदलता रहता है. आपके प्रमोशन में आपके बॉस एक अच्छा रोल निभाते हैं.”- ऐश्वर्य मिश्रा, 2020
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8- “बतौर न्यू जॉइनी, आप तीन महीने के इंडक्शन प्रोग्राम से शुरू करेंगे. ये 200 नए जॉइनी का बैच होगा. इस प्रोग्राम में आपको विस्तार से पूरे ISRO, स्पेस साइंस, लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी, इसके मिशन, कई स्पेस मिशन, कई सेंटर और उनके रोल, सैटेलाइट लॉन्चिंग के बेसिक, लॉन्च व्हीकल, कंट्रोल, एरोडायनामिक्स, ओर्बिट्स, स्ट्रक्चर, रिव्यू मैकेनिज्म आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी.” – राजेश गुल्लुम, 2018
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9. “मैंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में 4 साल से कुछ अधिक समय तक और इसरो सैटेलाइट सेंटर में 4 साल, 6 महीने तक काम किया. इन दोनों स्थानों पर, किसी भी महत्वपूर्ण हद तक कोई नौकरशाही नहीं थी.” –श्रीनाथ हेबले रमैया, 2019
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10- “वेतन अच्छा है.और वे रहने के लिए क्वार्टर और ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रदान करते हैं. और हाँ, कैंटीन में दोपहर के भोजन की कीमत केवल पांच रुपये है. नाश्ते का खर्च उससे भी कम होता है. शाम का नाश्ता और रात का खाना निःशुल्क है. वे आपके बच्चों की पढ़ाई का भुगतान करते हैं. अन्य सरकारी विभागों की तुलना में स्वास्थ्य कवरेज बेहतर है। हाल ही में मेरा एक्सीडेंट हो गया जिसके बाद मुझे एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसने मुझे छह अंकों में बिल दिया. मुझे केवल अपनी जेब से तीन अंकों में भुगतान करना था, मेरे विभाग ने बाकी का ध्यान रखा. – सबरी श्रीकुमार, 2020
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अब हमें पता है कि मून पर लैंडिंग के पीछे उनकी दुनिया क्या होती है.