UPSC Success Story: “जितनी बड़ी बाधा होगी, उसे पार करने में उतनी ही ज़्यादा सुर्खिया होंंगी.” अखिला बीएस इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं, जिन्होंने पांच साल की उम्र में एक बस दुर्घटना में अपना दाहिना हाथ खो दिया था. इसके बावजूद उन्होंने कभी हौसला नहीं हारा और अपने दृढ़ संकल्प के बदौलत UPSC एग्ज़ाम में सफलता हासिल की.

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हाथ खोया, मगर हौसला नहीं

केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली अखिला की ज़िंदगी में 11 सितंबर 2000 को एक बड़ा बदलाव आया, जब एक बस दुर्घटना में उन्होंने अपना दाहिना हाथ खो दिया. जर्मनी में इलाज कराने के बावजूद उनका दाहिना हाथ, विशेष रूप से कंधे का सिरा, पूरी तरह से ठीक नहीं हो सका.

अपनी शारीरिक सीमाओं से बेपरवाह अखिला ने अपनी नई वास्तविकता को अपनाया, रोज़ाना के काम बिना किसी के सहारे करना शुरू किया और यहां तक ​​कि अपने बाएं हाथ से लिखना भी सीखा. नतीजत, बोर्ड परीक्षा में भी उन्होंने ज़बरदस्त नंबर हासिल किए.

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तीसरी बार में निकाला UPSC एग्ज़ाम

अखिला ने आईआईटी मद्रास में इंटीग्रेटेड एमए किया, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी. पहले दो प्रयासों में वो सफल नहीं हुई, मगर तीसरी बार में उनका UPSC क्लियर हो गया. साल 2022 में 760वीं रैंक हासिल की.

अखिला के शब्दों में, “मैं खुश और आभारी हूं. मैंने 2019 में ग्रेजुएशन के तुरंत बाद तैयारी शुरू कर दी थी. मैंने 2020, 2021 और 2022 में परीक्षा दी. तीनों बार मैंने प्रारंभिक परीक्षा पास की. मगर सफलता तीसरी बार ही मिली.”

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बता दें, अखिला ने UPSC के लिए बेंगलुरु में कोचिंग की थी. फिर तिरुवनंतपुरम स्थित एक इंस्टीट्यूट से भी गाइडेंस लिया. एग्ज़ाम के दौरान लंबे समय तक बैठना और लगातार लिखना उनकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए उनके लिए कठिन काम था. हालांकि, IAS बनने के उनके सपने ने उन्हें कभी थकने नहीं दिया.

अखिला की कहानी लाखों UPSC एस्पिरेंट्स के लिए प्रेरणा है.

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