ज़िंदगी आसान तो नहीं है. मगर कुछ लोगों के लिए ये हद से ज़्यादा मुश्किल है. बस सवाल ये है कि आप विपरीत परिस्थितियों के आगे हौसला हार जाते हैं या लड़ कर उससे मुक़ाबला करते हैं. उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद की रहने वाली पूजा ने लड़ना चुना. यही वजह है कि वो अपने दो साल की बेटी को पेट पर बांध कर सड़कों पर रिक्शा चला रही हैं. (Mother pulls rickshaw with daughter tied on her stomach)

आइए जानते हैं पूजा की कहानी और क्यों उन्हें आज इस मुश्किल हालात से लड़के को मजबूर होना पड़ा है-

अपनों के हाथों बेसहारा हुई पूजा

2016 तक पूजा एक आम लड़की की तरह ही थी, जो अपने मां-बाप के आंगन में बेधड़क खेला करती थी. उस वक़्त वो रादाबाद के थाना भोजपुर के गांव श्यामपुर में रहती थी. मगर 7 साल पहले उसकी शादी हो गयी.

जिस पति के साथ उसने नया संसार बसाने का सपना देखा, उसने पूजा की पूरी दुनिया ही पलट दी. वो रोज़ शराब पीकर पूजा को मारता-पीटता था. ससुराल वाले भी उसे रोकने की बजाय साथ देते थे. दिन-रात की प्रताड़ना से परेशान होकर पूजा जब मायके पहुंची तो वहां भी उसे आसरा नहीं मिला.

मायके वालों ने भी उसका साथ नहीं दिया. उसे तरह-तरह के ताने सुनने पड़े. जिसके बाद पूजा ने मायके को भी छोड़ दिया.

बेटी को पेट से बांध कर ई रिक्शा चलाती है मां

पति और ससुराल से परेशान पूजा को जब अपने मायके में भी सहारा नहीं मिला तो वो सब कुछ छोड़ कर अमरोहा आ गयीं. अब पूजा पर अपने साथ-साथ अपनी बेटी के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी भी थी.

पूजा ने ब्याज पर 30 हजार रुपये लिए थे, उससे उन्होंने ई रिक्शा खरीदा. मगर अमहोरा में उनके साथ ऐसा कोई नहीं था, जो बेटी को संंभाल सके. इसलिए वो अपनी बेटी को पेट पर बांधकर बैटरी वाला रिक्शा चलाती हैं.

उनका सपना है कि वो अपनी बेटी को अच्छी ज़िंदगी और अच्छी शिक्षा दें. इसी वजह से वो जी-तोड़ मेहनत करती हैं. पूजा की हिम्मत और हौसला की इन दिनों हर कोई एक मिसाल दे रहा है. बहुत से लोग पूजा को एक योद्धा मां बुला रहे हैं. लेकिन सच तो ये है कि इस योद्धा मां को बेहद तकलीफ़ों में अपना और अपनी बच्ची का जीवन चलाना पड़ रहा है.

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