अच्छा जीवन चाहिए तो पैसा ज़रूरी है. और पैसा कमाना है तो मेहनत करनी पड़ेगी. हम सबकी लाइफ़ इसी सर्किल में घूम रही है. हम सब अक्सर कहते भी हैं कि यार मजबूरी में ये काम करना पड़ रहा है. मानो हम जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे वजह सिर्फ़ पैसा हो. यानि पैसे की ज़रूरत नहीं है तो फिर शरीर हिलाने-डुलाने की भी ज़रूरत नहीं है. (Old Uncle Selling Samosa)

Old Man Selling Samosa: अगर आपका भी यही नज़रिया है तो फिर इस बुज़ुर्ग समोसे वाले की बात आपका काम और लाइफ़ दोनों को लेकर नज़रिए बदल देगी. क्योंकि, जिस उम्र में लोग रिटायर होकर आराम से सुकून भरी ज़िंदगी गुज़ारने का सोचते हैं, उस उम्र में ये बुज़ुर्ग मेहनत में सुकून भरी ज़िंदगी गुज़ारने की बात करते हैं.

जी हां, इन बजु़र्ग के लिए सुकून घर पर पैर फैला कर लेटने में नहीं, बल्क़ि सड़क किनारे समोसे बेच कर मेहनत करने में है.

दरअसल, एक ट्विटर यूज़र @aaraynsh ने सड़क किनारे समोसे बेचने वाले इस बुज़ुर्ग की कहानी बयां करते हुए लिखा, ‘भारी बारिश के बीच मैंने अपनी गाड़ी को कोर्ट सर्कल, उदयपुर के पास पार्क किया, जहां मुझे एक अंकल गरमा गरम पोहा और समोसा बेचते हुए नज़र आए. आर्डर देकर जिज्ञासा से उनकी उम्र देखते हुए मैं उनसे पूछ बैठा कि- आप आराम क्यों नहीं करते? जवाब में उन्होंने जो कहा उसे सुनने के बाद, काम को लेकर मेरा नज़रिया ही बदल गया.’

अंकल ने कहा- ‘बेटा मैं अब इस उम्र में पैसे के लिए काम नहीं करता, बल्कि इससे मेरे दिल को खुशी मिलती है. घर पर अकेले बैठने से यहां बैठना बेहतर है. जब चार लोगों के खुश चेहरे देखता हूं, जो मेरे खाने का स्वाद लेते हैं, तो मेरा दिल खुशी से भर जाता है.’

ट्विटर यूज़र ने लिखा, ‘जहां पूरी दुनिया काम का रोना रोती हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रिटायरमेंट की कहानी लिख रहे हैं.’

बता दें, इस ट्वीट को अब तक 1.3 मिलियन से ज़्यादा लोग देख चुके हैं. ट्विटर यूज़र्स इस बुज़ुर्ग समोसे वाले के काम को लेकर नज़रिए से बेहद इंप्रेस नज़र आए हैं.

वाक़ई, मेहनत पैसा कमाने का नहीं, बल्क़ि ज़िंदगी जीने का तरीका है.

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