भारत में G-20 समिट से ठीक पहले देश का नाम बदलने को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. देश का नाम ‘इंडिया’ से ‘भारत’ करने की इस कवायत में विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. दरअसल, इस पूरी बहस की शुरुआत राष्ट्रपति भवन से आए निमंत्रण पत्र से हुई है, जिसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा था. ये निमंत्रण पत्र 9 सितंबर से भारत में होने जा रहे G-20 समिट के लिए विदेशी मेहमानों और भारत के कुछ नेताओं को भेजा गया है.

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  • देश का नाम ‘इंडिया’ से ‘भारत’ करने की असल शुरुआत साल 2015 में हुई थी. इस दौरान मोदी सरकार ने एक जनहित याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि, देश का नाम ‘इंडिया’ के बजाय ‘भारत’ नहीं किया जाना चाहिए. तब केंद्र सरकार ने दावा किया था, अनुच्छेद 1 में किसी भी बदलाव पर विचार करने के लिए परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत का संविधान अनुच्छेद 1.1 आधिकारिक और अनौपचारिक उद्देश्यों के लिए देश का नाम कैसे रखा जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में की याचिका ख़ारिज़

  • सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 में ‘इंडिया’ नाम हटाकर ‘भारत’ करने की मांग वाली याचिका ख़ारिज़ कर दी थी. तब चीफ़ जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस उदय उमेश ललित ने याचिकाकर्ता से कहा था कि, भारत कहिए या इंडिया कहिए, जो मन है वो कहिए. ‘भारत’ हो ‘इंडिया’ क्या फ़र्क पड़ता है.
  • इसके 4 साल बाद भी साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम रखने वाली याचिका ख़ारिज़ की थी. इस दौरान में चीफ़ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा था कि, संविधान में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों नाम दिए गए हैं.
  • बीते सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने भी कहा था कि लोगों को अब ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ कहना चाहिए.
  • राष्ट्रपति भवन से आए इस निमंत्रण पत्र के सामने आने और मोहन भागवत के बयान के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है. इसकी शुरुआत कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट से हुई. रमेश ने इस दौरान एक के बाद एक ट्वीट कर मोदी सरकार को घेरने की.

अब ‘INDIA’ गठबंधन ने मोदी सरकार पर उनसे डरने का दावा तक कर दिया है. आइए जानते हैं विपक्ष के कौन-कौन से नेता देश का नाम ‘इंडिया’ से ‘भारत’ करने के मोदी सरकार के फ़ैसले का विरोध कर चुके हैं.

1- अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”अगर कुछ पार्टियों मिलकर INDIA गठबंधन बनाते हैं तो क्या बीजेपी देश का नाम बदल देगी? ये देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी पार्टी का नहीं. अगर INDIA गठबंधन अपना नाम बदलकर ‘भारत’ करता है तो क्या ये लोग ‘भारत’ का नाम बदलकर ‘बीजेपी’ करेंगे? ये कैसा मज़ाक है? बीजेपी को लग रहा है कि उनके वोटों की संख्या कम हो जाएगी इसलिए ‘भारत’ का नाम बदल देना चाहिए.

2- ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा, ‘आज केंद्र सरकार ने INDIA का नाम बदल दिया. G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण कार्ड में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ का उल्लेख किया गया है. दुनिया ‘इंडिया’ नाम से वाकिफ़ है. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें देश का नाम बदलना पड़ा?’

3- एमके स्टालिन

तमिलनाडु के सीएम और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, ‘विपक्षी दलों ने फ़ासीवादी बीजेपी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए ही एकजुट होकर ‘INDIA’ गठबंधन बनाया है. लेकिन अब बीजेपी ‘इंडिया’ को ‘भारत’ में बनाना चाहती है. बीजेपी ने देश में बदलाव का वादा किया था. लेकिन 9 साल में सिर्फ़ देश का बदला नाम मिल रहा है’.

4- अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि, ‘हिंदू नाम भी तो विदेशों ने ही दिया है. मुझे लगता है कि पीएम खुद INDIA नाम से डरते हैं. जिस दिन से इंडिया नाम का गठबंधन बना है, उसी दिन से पीएम मोदी की ‘इंडिया’ नाम के प्रति नफ़रत बढ़ गई है. अगर बीजेपी को अंग्रेज़ों से इतनी ही नफ़रत है तो राष्ट्रपति भवन जो कि पहले वायसराय का घर था, उसे भी त्याग देना चाहिए’.

5- तेजस्वी यादव

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘मोदी जी पहले ‘वोट फ़ॉर इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टैंडअप इंडिया’, ‘शाइनिंग इंडिया’ कहा कहते थे. संविधान में ‘वी द पीपल ऑफ़ इंडिया’ का उल्लेख है. यहां तक कि आधार और पासपोर्ट पर ‘इंडिया’ का जिक्र है. ये दिखाता है कि पीएम मोदी ‘INDIA’ गठबंधन से डरे हुए हैं. हमारा तो नारा ही ‘जुड़ेगा इंडिया, जीतेगा भारत’ है. अगर बीजेपी को ‘इंडिया’ से दिक्कत है तो उन्हें ‘भारत’ से भी दिक्कत होनी चाहिए.

6- गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘हम इंडिया और भारत के लिए काम कर रहे हैं, जबकि बीजेपी ‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ के लिए काम कर रही है. साल 2014 से 2023 तक बीजेपी को ‘इंडिया’ शब्द से कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन INDIA गठबंधन बनने के बाद इनके दिलों में एक नई नफ़रत शुरू हो गई. ये इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि INDIA गठबंधन को जनता ने स्वीकार कर लिया है. दरअसल, ये महंगाई, बेरोज़गारी, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर हिंसा, चीन, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और अडानी के ख़िलाफ़ जांच जैसे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है’.

7- तिरुचि शिवा

डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा, इंडिया केवल देश का नाम ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में लोग इसे अच्छे से जानते हैं. कोई भी ‘इंडिया’ का नाम नहीं बदल सकता. असल में विपक्षी दलों के एकजुट होने और गठबंधन का नाम INDIA रखने से बीजेपी डर गई है’.

8- संदीप दीक्षित

दिल्ली कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ‘अगर आप हमारा संविधान पढ़ेंगे तो उसमें लिखा है ‘इंडिया दैट इज भारत’. ‘भारत’ शब्द कई संदर्भों, संस्कृति में प्रचलित है. ये भाषा का मामला है. मुझे नहीं लगता कि नामों से बहुत फर्क पड़ता है. बीजेपी को विकास, महंगाई, रोज़गार, भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए’.

9- मणिशंकर अय्यर

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘बीजेपी ‘INDIA’ गठबंधन से डरी हुई है. हमारा संविधान कहता है ‘इंडिया दैट इज भारत’.

10- राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के युवा नेता राघव चड्ढा ने कहा, ‘हमारी राष्ट्रीय पहचान ‘बीजेपी’ की निजी संपत्ति नहीं है’.

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विशेष सत्र में प्रस्ताव लाएगी मोदी सरकार

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. हालांकि, इस सत्र को लेकर अब तक कुछ साफ़ नहीं है. लेकिन चर्चा है कि संसद के विशेष सत्र में मोदी सरकार संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाने का प्रस्ताव ला सकती है.