Uttarkashi Tunnel Gabbar Singh Motivating Workers: “अपने साथियों के बाहर आने के बाद बाहर आऊंगा’ पिछले 11 दिनों से उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू टीम लगातार उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रही है. कभी उन्हें खाना तो कभी दवाइयां 6 इंच लंबे पाइप के द्वारा भेजा रहा है. भूस्खलन में अटके मजदूर अपने परिवारों से दूर बहुत ही निराश हो चुके हैं. 41 मजदूरों का ये झुंड मलबे में फंसा हुआ है. लेकिन उनमें से एक मजदूर जिनका नाम गब्बर सिंह है, उन्होंने लगातार सारे वर्कर्स का जोश बरक़रार रखा हुआ है. उन्हें टनल में टहलने और व्यायाम करने के लिए मोटिवेट भी कर रहे हैं.

चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि गब्बर सिंह के परिवार जनों का इसपर क्या कहना है-

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कौन है सिलक्यांरा सुरंग के फोरमैन गब्बर सिंह?

टनल में जहां हर एक मजदूर हिम्मत हार रहा है, उसी तरफ एक शख्स चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि इस मजदूर ने सबकी जान बचाने का ज़िम्मा अपने सर ले लिया है. कोटद्वार के रहने वाले गब्बर सिंह पिछले 25 सालों से टनल के निर्माण का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स में काम भी किया है. इसी बीच 12 नवंबर यानी दिवाली के दिन हुए सिलक्यांरा सुरंग उत्तरकाशी हादसे में भी गब्बर सिंह काम कर रहे थे. जैसे ही ये खबर गब्बर सिंह के परिवार वालों को पता चली, वो तुरंत उत्तरखंड पहुंच गए.

जब गब्बर के बेटे आकाश सिंह ने उनसे बात कि तो गब्बर ने कहा कि वो इस टनल में अकेले नहीं है. उनके साथ 40 और मजदूर फंसे हुए हैं और उनको बचाने का जिम्मा भी उनपर ही है. इसीलिए वो हर समय उन मजदूरों का हौसला बढ़ा रहे हैं. इस बात से न सिर्फ़ उनका बेटा बल्कि पत्नी और पूरा देश बहुत गर्व महसूस कर रहा है.

Who Is Gabbar Singh In Uttarakhand Tunnel Collapse:

मीडिया से लगातार बातचीत से गब्बर सिंह की पत्नी ने बताया, “मेरे पति 12 तारीख से सुरंग में फंसे हुए हैं. इस कंपनी से 23 साल से जुड़े हैं. एक बार और पहले भी फंसे थे, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को परिवार को बताया नहीं था. तब सात दिन में निकल आए थे. कंपनी के ज़रिये हमें बाद में इस बात की जानकारी दी गई थी. उनकी मां को इस बारे में कुछ नहीं बताया, क्योंकि वो बहुत बूढ़ी हैं.”

गब्बर ने बात चीत में अपने बड़े भाई को बताया कि वो रोज़ मजदूरों को टहलने और व्यायाम करने के लिए मोटीवेट करते हैं.

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