हम सभी अपने बचपन में स्कूल पैदल, साइकिल, वैन, बस से पहुंचते थे. आज भी यही सब सवारी है, जिनसे बच्चे स्कूल जाते हैं. मगर सूरत जिले के एक प्राथमिक विद्यालय का छात्र ऐसा नहीं करता. वो तो घोड़े पर सवार होकर स्कूल पहुंचता है. इस छात्र का नाम है कुश महेशभाई राठौड़. (Village Bardoli Student Kush Rides A Horse To School Everyday)
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बारडोली तालुका में रहने वाले इस बच्चे की उम्र महज़ 13 वर्ष है. वो अपने पांच वर्षीय घोड़े पर बैठ कर हर रोज़ स्कूल पहुंंचता है. बता दें, बच्चे के माता-पिता एक किसान हैं.
बच्चे और घोड़े की दोस्ती का फ़ैन है पूरा गांव
गांव खरवासा का कुश कुश हर रोज़ अपने घर से घोड़े पर सवार होकर स्कूल आता है. वो 8वीं कक्षा में पढ़ता है. क्लास करने से पहले वो घोड़े को स्कूल के बाहर बांध देता है और उसके लिए चारा भी डालता है. राठौड़ पिछले चार वर्षों से घोड़े पर सवार होकर स्कूल आ रहा है. फ़ुर्सत के समय स्कूल के अन्य छात्र भी घोड़े को चारा खिलाने और उसके साथ खेलने पहुंच जाते हैं.
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घोड़े और बच्चे की इस दोस्ती का फ़ैन पूरा गांव है. दूसरे बच्चे और यहां तक कि शिक्षकों को भी इस बात से एतराज़ नहीं है कि कुश घोड़े से स्कूल आता है.
ऐसे बने थे दोनों दोस्त
कुश और घोड़े की दोस्ती उनकी किस्मत में ही लिखी थी. दरअसल, कुश के परिवार ने उसके और घोड़े की दोस्ती के संबंध में बताया कि, कुश एक बार खेत पर काम करने जा रहा था, उसी दौरान उसे एक घोड़ी का बच्चा मिला. उसने ही इस घोड़ी के बच्चे को पाल-पोस कर बड़ा किया.
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इस दौरान उसे उससे इतना लगाव हो गया कि अब वो जहां भी जाता उसे अपने साथ ले जाता है. अब तो पूरा गांव भी दोनों की दोस्ती को मानता है और मिसाल देता है.
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