दुनिया का कोई भी देश हो, उसका अपना एक झंडा ज़रूर होता है. अलग-अलग देश अपनी पहचान और कल्चर के हिसाब से फ़्लैग का चुनाव करते हैं. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड का झंडा दुनिया के बाकी देशों से अलग है. इन दोनों देशों के फ़्लैग में कुछ ख़ास है, जो किसी भी दूसरे देश के झंडों में नहीं पाया जाता है.

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के झंडे पर ब्रिटेन का झंडा भी बना हुआ है. अगर आप इन दोनों देशों के झंडों के कॉर्नर में देखेंगे तो आपको ब्रिटेन का झंडा बना नज़र आएगा. ये दिलचस्प बात है कि दुनिया के किसी भी मुल्क़ के झंडे पर दो देश नज़र नहीं आते. ऐसे में सवाल ये है कि आख़िर क्यों ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने अपने झंडे पर ब्रिटेन के फ़्लैग को जगह दी हुई है?

एक झंडे पर दो देश क्यों नज़र आते हैं?

न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का ध्वज गहरे नीले रंग का है और ऊपर कोने में पूर्व औपनिवेशिक ताकत ब्रिटेन का यूनियन जैक या ध्वज बना हुआ है.ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के झंडे के कॉर्नर में यूनियन जैक बने होने के पीछे की वजह है कि एक समय में ये दोनों देश ब्रिटिश उपनिवेशों का हिस्सा रह चुके हैं. ये अब ब्रिटिश कॉमनवेल्थ राष्ट्र का हिस्सा हैं.

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दोनों ही देशों के झंडों में यूनियन जैक की मौजूदगी उसी संबंध का प्रतीक है. इनके झंडे में यूनियन जैक होना इन देशों और यूके के बीच संबंध का प्रतिनिधित्व करता है.

यूनियन जैक एक पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश और प्रभुत्व के तौर पर न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक नींव को मान्यता देता है. दोनों ही देशों के झंडे में अंतर बस इतना है कि ऑस्ट्रेलियाई ध्वज में छह सफेद तारे हैं जबकि न्यूजीलैंड के ध्वज में चार लाल तारे हैं. यही वजह है कि न्यूज़ीलैंड की मांग है कि ऑस्ट्रेलिया अपने फ़्लैग में बदलाव करे, क्योंकि, दुनिया को इसे लेकर कंफ़्यूज़न होता है.

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