17 साल तक देश के लिए क्रिकेट खेलने के बाद युवराज सिंह ने आखिरकार इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. युवराज ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर अपनी इस ख़ूबसूरत यात्रा का अंत किया. इस दौरान एक शॉर्ट फ़िल्म चलाई गई, जिसमें युवी ने अपनी यात्रा का ज़िक्र किया.

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इस दौरान युवराज ने कहा- 

‘ये अलविदा कहने का सही समय है. ये एक ख़ूबसूरत यात्रा थी, जो आज समाप्त हो गई है. 22 गज की पिच पर 25 साल और लगभग 17 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाद मैंने ज़िंदगी में आगे बढ़ने का फ़ैसला किया है. इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, कैसे गिर कर उठना है और आगे बढ़ना है’.
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2011 वर्ल्ड कप के हीरो रहे युवराज अहम मौकों पर कई बार भारत को शानदार जीत दिला चुके हैं. कैंसर से जंग जीतने के बाद युवराज सिंह ने क्रिकेट के मैदान पर शानदार वापसी की थी लेकिन कुछ समय उनके प्रदर्शन में गिरावट आने लगी और टीम से बाहर हो गए. युवराज को वर्ल्ड कप टीम में चुने जाने की उम्मीद थी लेकिन ख़राब फ़िटनेस और प्रदर्शन ने उनका साथ नहीं दिया.

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आईये जानते हैं युवराज के करियर की वो 10 ख़ूबसूरत यादें, जब उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया को जीत दिलाई.

1- अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत के हीरो   

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साल 2000, श्रीलंका में खेले गए अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के दौरान युवराज सिंह की पहली झलक देखने को मिली थी. मोहम्मद कैफ़ की कप्तानी में भारत ने पहली बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता. युवराज उस टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ़ द सीरीज़‘ बने थे. 8 महीने बाद ही युवराज को टीम इंडिया में जगह मिल गई.

2- इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत  

युवराज ने अपने करियर की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2000 को केन्या के ख़िलाफ़ की थी लेकिन उस मैच में युवी को बैटिंग करने का मौका नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने 7 अक्टूबर को अपने दूसरे ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शानदार 84 रनों की पारी खेली.

3- नेटवेस्ट सीरीज़ का फ़ाइनल जिताया 

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साल 2002 नेटवेस्ट सीरीज़ का फ़ाइनल भला कौन क्रिकेट प्रेमी भूल सकता है. भारत 146 रन पर अपने 5 अहम विकेट गंवा चुका था. भारतीय फ़ैंस को उम्मीद भी नहीं थी कि भारत ये मैच जीत पायेगा लेकिन कैफ़ और युवी की जोड़ी ने कमाल कर दिखाया. युवराज ने इस मैच में 63 गेंदों पर 69 रनों की शानदार पारी खेली थी.

4- सिडनी में युवराज-लक्ष्मण की पार्टनरशिप  

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साल 2004, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर थी. सिडनी में खेले गए वनडे मैच के दौरान भारत 80 रन पर 3 विकेट गंवा चुका था. इसके बाद युवराज ने लक्ष्मण के साथ 213 रन की पार्टनरशिप की. इस मैच में युवी ने 122 गेंदों पर 139 रनों की यादगार पारी खेली थी.

5- 6 गेंदों में 6 छक्के (2007 टी-20 वर्ल्ड कप)  

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साल 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के एक मैच के दौरान स्टूअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर 6 छक्के भला कौन भूल सकता है. युवी ने इस मैच में मात्र 16 गेंदों पर 58 रन ठोके थे. 12 गेंदों में सबसे तेज़ 50 रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था.

6- 30 गेंद, 70 रन (2007 टी-20 वर्ल्ड कप)  

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साल 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में युवराज ने 5 छक्के और 5 चौकों की मदद से 30 गेंदों में 70 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर भारत को फ़ाइनल में पहुंचाया था.

7- 2011 वर्ल्ड कप का सेमीफ़ाइनल जिताया  

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साल 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में युवी ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले गेंदबाज़ी करते हुए दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाए, उसके बाद 57 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को फ़ाइनल में पहुंचाया.

8- 2011 वर्ल्ड कप के असल हीरो    

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साल 2011 वर्ल्ड कप के असली हीरो युवराज सिंह ही थे. इस दौरान युवी ने 1 शतक और 4 अर्धशतक के साथ कुल 362 रन बनाये. साथ ही 15 विकेट भी झटके. उनके इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत हो वो ‘मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट’ बने थे.

9- कैंसर को भी दी थी मात 

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युवी वर्ल्ड कप जीतने के तुरंत बाद युवराज कैंसर की चपेट में आ गए. इस ख़तरनाक बीमारी से लड़ने के बाद उन्होंने फिर से क्रिकेट के मैदान पर वापसी की. कुछ एक परियों के बाद वो आउट ऑफ़ फ़ॉर्म हुए और फिर से टीम से बाहर हो गए.

10- 3 साल बाद धमाकेदार वापसी  

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साल 2017 में युवराज ने एक बार फिर से टीम इंडिया में वापसी की. इस बार उन्होंने बड़ा धमाका किया. कटक में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपने करियर की बेस्ट पारी (150 रन) खेल डाली. इस मैच में भारत 25 रन पर 3 विकेट गंवा चुका था, फिर युवी ने धोनी के साथ मिलकर 256 रन की पार्टनरशिप की.

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37 वर्षीय युवराज ने अपने करियर की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2000 को केन्या के ख़िलाफ़ की थी. उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैचों में 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन, 304 वनडे मैचों में 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 रन, जबकि 58 टी-20 मैचों में कुल 1177 रन बनाये हैं. साथ ही टेस्ट मैचों में 9, वनडे में 111 और टी-20 मैचो में 28 विकेट भी चटकाए हैं.