आज के दौर में 17 साल की उम्र में हम ज़्यादा से ज़्यादा 12वीं पास कर सकते हैं. मगर एक ऐसी भी लड़की है जो इसी उम्र में देश के लिए शूटिंग में 11 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. 7 वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल, 2 एशियन चैंपियनशिप गोल्ड मेडल, 1 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल और 1 यूथ ओलंपिक गोल्ड मेडल. 

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जी हां, हम बात कर रहे हैं 17 वर्षीय भारतीय शूटर मनु भाकर की. हरियाणा के झज्जर ज़िले के गोरिया गांव की रहने वाली 17 वर्षीय मनु वर्तमान में 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. 

मनु भाकर ने साल 2017 में ‘एशियन जूनियर चैंपियनशिप’ के दौरान पहली बार सिल्वर मेडल जीतकर अपने करियर की शुरुआत की थी. 

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साल 2017 में केरल में आयोजित ‘नेशनल गेम्स’ के दौरान मनु ने शूटिंग में 9 गोल्ड मेडल अपने नाम किये. इस दौरान मनु ने कई वर्ल्ड कप मेडलिस्ट हिना सिद्दू को हराकर सबको हैरान कर दिया था. साथ ही फ़ाइनल में हिना के 240.8 पॉइंट के रिकॉर्ड को तोड़कर 242.3 पॉइंट हासिल किये. 

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कुछ ऐसा है मनु का अंतर्राष्ट्रीय करियर 

मनु भाकर ने साल 2018 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. मैक्सिको मेंं आयोजित ‘ISSF World Cup’ के दौरान महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में दो बार की वर्ल्ड चैंपियन Alejandra Zavala को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया. 

इस दौरान मनु ने मिक्सड स्पर्धा में भी गोल्ड मेडल हासिल किया. मनु 16 साल की उम्र में इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की सबसे युवा शूटर बनी थीं. 

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मनु भाकर ने साल 2018 ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ के दौरान 388/400 का स्कोर करके 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फ़ाइनल के लिये क्वालीफ़ाई किया था. इस दौरान उन्होंने फ़ाइनल में 240.9 अंकों के साथ राष्ट्रमण्डल खेलों में नया कीर्तिमान स्थापित कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. 

साल 2019 मनु के करियर का सबसे शानदार साल रहा. वो इस साल अब तक 7 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. वहीं अपने 2 साल के छोटे से करियर में मनु कुल 11 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. 

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स्कूल की शूटिंग रेंज में की प्रैक्टिस 

मनु ने अपने स्कूल (यूनिवर्सल सीनियर सेंकेंड्री स्कूल) में बनी शूटिंग रेंज में ही प्रैक्टिस की थी. साल 2013 में इस स्कूल में शूटिंग रेंज बनवाई गई थी, जिसकी लागत 2 लाख रुपयों के करीब आई थी. मनु के स्कूल में पिछले कई सालों से सभी खेलों को और ख़ासतौर पर शूटिंग को काफ़ी प्रोत्साहित किया जा रहा है. 

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मां-बाप की सोच थी औरों से जुदा 

मनु के पिता रामकिशन भाकर पेशे से मरीन इंजीनियर हैं, जबकि मां मनु के ही स्कूल की प्रिंसिपल हैं. मनु की तैयारी के लिए पिता ने अपनी नौकरी तक दांव पर लगा दी. मधु का बड़ा भाई आईआईटी की तैयारी कर रहा है. मनु के माता-पिता ने हमेशा से ही उन्हें खेलों के लिए काफ़ी प्रोत्साहित किया.   

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बॉक्सिंग छोड़, शूटर बनीं 

मनु न सिर्फ़ एक बेहतरीन शूटर हैं, बल्कि अन्य खेलों में भी माहिर हैं. वो रेसिंग, बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट्स, स्केटिंग और लॉन टेनिस समेत कई अन्य खेलों की प्रतियोगिताएं भी जीत चुकी हैं. मनु ने बॉक्सिंग के दौरान आंख में चोट लगने के बाद शूटिंग को चुना. हैरान करने वाली बात ये है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 11 गोल्ड जीतने वाली मनु ने सिर्फ़ 3 साल पहले ही शूटिंग की शुरुआत की थी. 

उम्मीद करते हैं कि मनु भाकर आने वाले सालों में भी देश के लिए इसी तरह से मेडल जीतती रहे.