अगर भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों को पल्टा जाए, तो सबसे सुनहरी यादों में ‘1983 वर्ल्ड कप’ की जीत होगी. आज ही के दिन 37 साल पहले, भारत लॉर्ड्स के मैदान पर वर्ल्ड चैंपियन बना था.
भारतीय टीम जब इंग्लैंड के लिए रवाना हुई थी, तो उसे अंडरडॉग माना जा रहा था. कपिल देव के नेतृत्व वाली इस टीम से किसी को भी बहुत अच्छा करने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन टीम इंडिया धीरे-धीरे आगे बढ़ती गयी. पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने उम्मीदों के विपरीत चौंकाने वाला प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड व वेस्टइंडीज़ जैसी दिग्गज टीमों को धूल चटाते हुए वर्ल्ड चैम्पियन बनकर दिखाया.
अब ज़िक्र करते हैं उस मैच का, जब भारत ने अपने से कहीं मजबूत वेस्टइंडीज़ की टीम को 43 रनों से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया था-
1- वेस्टइंडीज ने टॉस जीत कर भारत को पहले बल्लेबाज़ी का मौका दिया.
2- गावस्कर और श्रीकांत की ओपनिंग जोड़ी मैदान पर थी.
3- भारत ने मात्र 2 रन पर गावस्कर (2) के रूप में अपना पहला विकेट गंवाया.
4- इसके बाद श्रीकांत (38) ने 7 चौके और 1 छक्का लगाकर मार्शल, गार्नर और होल्डिंग की धुनाई की.
5- फिर कपिल (15), अमरनाथ (27) और यशपाल शर्मा (11) रन बनाकर सस्ते में चलते बने.
6- भारत 111 रन पर 6 विकेट गंवा चुका था, संदीप पाटिल (27) एक छोर से मोर्चा संभाले हुए थे.
7- इसके बाद भारतीय टीम 54.4 ओवरों में 183 रनों पर ऑल आउट हो गई.
8- अब वेस्ट इंडीज़ के धाकड़ बल्लेबाज़ों के सामने थे युवा भारतीय गेंदबाज़.
9- बलविंदर संधु ने भारत को दिलाई पहली सफ़लता. वेस्टइंडीज़ 5 रन पर पहला विकेट खो चुकी थी.
10- इसके बाद मदन लाल ने पहले हेंस (13), फिर विव रिचर्ड्स (33) को पवेलियन भेजा.
11- वेस्टइंडीज़ 76 रन पर 6 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी, तो भारत वर्ल्ड कप जीत के बेहद करीब था.
12- वेस्टइंडीज़ 126 रन पर 9 विकेट गंवा चुकी थी, गार्नर और होल्डिंग की आख़री जोड़ी मैदान पर थी.
13- वेस्टइंडीज़ की पारी का 52वां ओवर था और मोहिंदर अमरनाथ के ओवर की आख़िरी गेंद थी.
14- अमरनाथ ने होल्डिंग को LBW आउट कर दिया और भारत वर्ल्ड चैम्पियन बन गया.
15- भारत वर्ल्ड चैम्पियन बन चुका था और मैदान फ़ैंस से भर चुका था.
16- कप्तान कपिल देव के हाथों में वर्ल्ड कप की चमचमाती ट्रॉफ़ी थी.
17- कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ी के साथ.
18- वर्ल्ड कप जीतने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ कप्तान कपिल देव.
19- वर्ल्ड कप जीतने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के साथ कपिल देव.
20- यही है वो चैम्पियन टीम, जिसने हम भारतीयों को क्रिकेट से प्यार करना सिखाया.
1983 वर्ल्ड कप जीत ने भारतीय क्रिकेट इतिहास को बदलकर रख दिया. इस जीत ने भारतीय क्रिकेट में एक नई क्रांति ला दी थी. भारतीय युवा कपिल, गावस्कर, अमरनाथ और मदन लाल की तरह बनना चाहते थे. सचिन, द्रविड़, गांगुली, कुंबले, श्रीनाथ और लक्ष्मण जैसे वर्ल्ड क्लास खिलाड़ी ‘1983 वर्ल्ड कप’ जीत से ही प्रेरित होकर क्रिकेट खेलना सीखे थे.