पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट जगत में ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता है. ऐसे कम ही मौके होते हैं, जब धोनी मैदान पर गुस्सा होते हैं. मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी धोनी ख़ुद पर काबू रखकर मैच को जीत की ओर ले जाने में विश्वास करते हैं. लेकिन कभी-कभी धोनी को भी गुस्सा आया है.

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ये हैं वो मौके जब-जब कैप्टन कूल धोनी ने अपना आपा खोया-

1. मैदान में घुसकर अंपायर से बहस कर बैठे  

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बीते गुरुवार को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में ‘चेन्नई सुपर किंग्स’ और ‘राजस्थान रॉयल्स’ के बीच खेले गए महा मुक़ाबले के दौरान धोनी अपना आप खो बैठे. एक नो बॉल को लेकर धोनी मैदान में घुस आये और अंपायरों से बहस कर बैठे. बीसीसीआई ने इस हरकत को ‘आईपीएल कोड ऑफ़ कंडक्ट’ का उल्लंघन मानते हुए धोनी पर मैच फ़ीस का 50% जुर्माना लगाया है.

2- दीपक चाहर बने गुस्से का शिकार  

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इसी साल आईपीएल में किंग्स XI के ख़िलाफ़ खेले गए एक मुक़ाबले के दौरान आख़री क्षणों में ख़राब गेंदबाज़ी करने को लेकर धोनी तेज़ गेंदबाज़ दीपक चाहर पर बरस पड़े थे. धोनी की डांट का चाहर पर ऐसा असर हुआ कि अगले मैच में KKR के ख़िलाफ़ उन्होंने वापसी करते हुए 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए.

3- मैं 300 मैच खेल चुका हूं 

टीम इंडिया के स्पिनर कुलदीप यादव ने किसी मैच का ज़िक्र करते हुए कहा कि ‘एक बार मैंने धोनी के कहने के मुताबिक़ गेंदबाज़ी नहीं की, तो वो मुझ पर चिल्ला बैठे. धोनी मुझ पर चिल्लाते हुए बोले, ‘जैसा बोल रहा हूं गेंद वहीं डाल, मैंने 300 मैच ऐसे ही नहीं खेले’. उसके बाद मैंने शानदार गेंदबाज़ी की’.

4- मनीष पांडे भी बने धोनी के गुस्से का शिकार 

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दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले गए एक T-20 मुक़ाबले के दौरान धोनी और मनीष पांडे के बीच चौथे विकेट के लिए 98 रनों की साझेदारी हुई. इस साझेदारी के बीच एक मौका ऐसा भी आया जब धोनी पांडे पर चिल्लाते नज़र आए. इस दौरान धोनी गुस्से में पांडे को कहते सुनाई दिए ‘ओए, वहां क्या देख रहा है, इधर देख ले, मैच यहां हो रहा है.’

5- मुस्तफ़िज़ुर को धक्का देकर गिराया 

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साल 2015, भारतीय टीम बांग्लादेश दौरे पर थी. बांग्लादेश ने भारत को जीत के लिए 309 रनों का लक्ष्य दिया था. इस दौरान धोनी जब एक रन लेने के लिए दौड़े तो अपना पहला मैच खेल रहे मुस्तफ़िज़ुर रहमान उनके सामने आ गए. जिसके बाद धोनी ने अपनी कोहनी से ज़ोरदार धक्का देकर उन्हें ज़मीन पर गिरा दिया था. इसके बाद धोनी को इस व्यवहार के लिए मैच फ़ीस का 75 फ़ीसदी जुर्माने के तौर पर देना पड़ा.

6- विश्व कप 2011 फ़ाइनल, युवराज पर हुए गुस्सा 

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फ़ाइनल के दौरान जब टीम इंडिया को जीत के लिए 22 गेंदों पर 22 रनों की ज़रूरत थी और धोनी हर एक रन तेज़ी से भाग रहे थे. इस दौरान धोनी कुलासेकरा की एक गेंद पर तेज़ी से भागकर 2 रन लेना चाह रहे थे, लेकिन युवराज ने उन्हें इसके लिए मना कर दिया. जब दूसरा रन पूरा नहीं हुआ तो धोनी युवराज पर आग-बबूला हो उठे थे.

7- स्टम्प आउट को लेकर अंपायरों से उलझे 

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साल 2011, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी. ब्रिसबेन में खेले गए एक वनडे मैच के दौरान थर्ड अंपायर ने सुरेश रैना की गेंद पर माइकल हसी को स्टम्प आउट दे दिया था, लेकिन जब हसी पवैलियन वापस लौटने लगे, तो मैदानी अंपायरों ने उनको वापस बुला लिया. मैदानी अंपायरों का मानना था कि हसी नॉट आउट हैं, स्क्रीनबोर्ड पर ग़लती से उन्हें आउट करार दे दिया गया है. इसके बाद धोनी अंपायरों से उलझ पड़े और काफ़ी देर तक बहस करते रहे.

8- सचिन की स्पेलिंग ग़लत लिखने पर भी हुए गुस्सा 

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ईडन गार्डन में एक टेस्ट मैच खेले जाने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘बंगाल क्रिकेट संघ’ को कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गुस्से का सामना करना पड़ा. धोनी ने स्कोर बोर्ड के पास लगे एक बोर्ड की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘सबसे पहले मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि स्टेडियम के अंदर सचिन के नाम की ग़लत स्पेलिंग किसने लिखी है? दरअसल, ‘बंगाल क्रिकेट संघ’ ने अंग्रेज़ी में सचिन के नाम की स्पेलिंग Sachin की बजाय Sachine लिख दी थी.

क्रिकेट का खेल ही ऐसा है कि मैदान पर इस तरह की घटनाएं होना आम बात है, लेकिन खिलाड़ियों को खेल की मर्यादा का ख़्याल रखना भी ज़रूरी है.